Somnath Jyotirling Darshan: राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग में आयोजित एक सत्संग में 1000 साल बाद मिले मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग शिवलिंग के पहली बार गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने लोगों को दर्शन करवाए। अब वे यह शिवलिंग देशभर में लेकर जाएंगे और अंत में गुजरात के सोमनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस सत्संग में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और पश्चिमी दिल्ली की सांसद कंवलजीत सहरावत भी मौजूद रहे। सत्संग 2 से 4 मार्च तक चलेगा। आज हुए इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने पहली बार दिल्ली में मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के पवित्र अवशेषों को श्रद्धालुओं को दिखाया, जो 1000 साल बाद फिर से पाए गए हैं।
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कार्यक्रम में श्री श्री रविशंकर ने बताया कि किस तरह 1026 ईस्वी में महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और उसके अंदर स्थित रहस्यमयी ज्योतिर्लिंग को नष्ट कर दिया था? विनाश से आहत कुछ अग्निहोत्री ब्राह्मण गुप्त रूप से इस ज्योतिर्लिंग के टुकड़ों को अपने साथ तमिलनाडु ले गए थे, जहां उन्हें छोटे शिवलिंगों में ढाला और पीढ़ियों तक उनकी पूजा करते रहे।
सीताराम शास्त्री को कांची शंकराचार्य ने दिए थे निर्देश
ये पवित्र अवशेष अंततः अग्निहोत्री ब्राह्मण पंडित सीताराम शास्त्री के परिवार की देखभाल में आ गए। शास्त्री को वर्तमान कांची शंकराचार्य ने निर्देश दिए थे कि आपको इन्हें स्वयं बेंगलुरु में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के पास ले जाना चाहिए। वे आपकी सहायता करेंगे। पंजाबी बाग के जन्माष्टमी पार्क में रविवार को आनंदम नामक भव्य सत्संग के लिए भारी संख्या मे लोग पहुंचे, जहां उन्होंने ज्ञान, भावपूर्ण संगीत का आनंद लिया और गुरुदेव की उपस्थिति में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की रहस्यमयी और दिव्य ऊर्जा को भी अनुभव किया।
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