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सावधान! कहीं फर्जी डॉक्टर तो नहीं कर रहे आपका ऑपरेशन? दिल्ली पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़

Delhi Police busted gang of fake non-certified doctors: दिल्ली पुलिस ने फर्जी डॉक्टरों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

Delhi Police busted gang of fake non-certified doctors
Delhi Police busted gang of fake non-certified doctors: यदि आपको किसी बीमारी में ऑपरेशन या सर्जरी की जरूरत है तो सावधान रहने की भी जरूरत है। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने ऐसे डॉक्टर्स का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी तरीके से लोगों के ऑपरेशन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन में पिछले साल सितंबर में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया ​था कि जीके स्थित एक मेडिकल सेंटर में उनके पति को पित्ताशय की पथरी को हटाने के लिए भर्ती कराया गया था। सर्जरी होने के एक दिन बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच की गई। इस दौरान कुछ तथ्य सामने आए। पुलिस के अनुसार, हाल ही हमें मौत के कारणों का पता चला। इसके लिए एम्स के डॉक्टर्स के पैनल से जांच कराई गई थी। स्पष्ट रूप से पता चला कि मौत का कारण सर्जरी के दौरान जटिलताएं और ब्लीडिंग थी। इसी तरह हमें अक्टूबर में भी इसी तरह के केस का पता चला था। दूसरे पेशेंट के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। दरअसल, सर्जरी वास्तविक सर्जन ने नहीं, बल्कि कुछ अनाधिकृत व्यक्तियों ने की थी। मेडिकल बोर्ड ने इसके बाद हॉस्पिटल की भी जांच की। जिसमें पाया गया कि ऑपरेशन थिएटर भी स्टेंडर्ड के अनुसार नहीं था। इसके बाद हमें कोर्ट से हाउस सर्च वारंट मिला। जिसमें कई ऐसी आपत्तिजनक चीजें मिलीं। असमें एक्सपायर्ड सर्जिकल ब्लेड, मेडिसन, डॉक्टर्स के साइन किए हुए ब्लैंक पेपर मिले। हम इसकी और जांच कर रहे हैं। आरोपी न्यायिक हिरासत में है और कल संभवतया हमें इनकी पुलिस कस्टडी मिल जाएगी। पुलिस के अनुसार, कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें एक एमबीबीएस डॉक्टर है। दूसरा डॉक्टर सर्जन है, लेकिन उसने कभी सर्जरी नहीं की। उनके पास सर्जरी नोट्स हैं। बाकी दो लोगों को हमेशा डॉक्टर की तरह दिखाया जाता रहा, लेकिन वे कभी डॉक्टर नहीं रहे। एक लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था, जबकि एक लेडी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। हमें कई तरह की शिकायत और मिली हैं। लोगों ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल में भी शिकायत ​दर्ज कराई हैं। हम उनकी भी जांच कर रहे हैं।

कैसे रहें सावधान?

अस्पताल में मरीजों के अधिकार और जिम्मेदारियां तय की गई हैं। इसके अनुसार न केवल पेशेंट और परिजनों को अपने इलाज के बारे में पूरी जानकारी लेने का अधिकार है, जबकि इलाज का फैसला लेने और दूसरे डॉक्टर से भी राय लेने का अधिकार है। इलाज के दौरान मरीज की गोपनीयता का भी अधिकार होता है। आप डॉक्टर्स के बारे में भी पूरी जानकारी ले सकते हैं।


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