Delhi News: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार को दे दिया है। इस फैसले का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिनों में बहुत बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में जनता के काम रोके, ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया जाएगा और उन्हें अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे ही हमारी सरकार बनी प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार से एक आदेश पारित कराया कि दिल्ली में काम करने वाले सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और नौकरी से संबंधित सभी फैसले दिल्ली सरकार के पास नहीं रहेंगे। यानी अगर कोई रिश्वत ले रहा है तो हम उन्हें निलंबित भी नहीं कर सकते। इस आदेश का इस्तेमाल करके दिल्ली में कामों को जबरदस्ती रोका गया।
ये दिल्ली की जनता का सहयोग
केजरीवाल ने इस फैसले के लिए जनता का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है वो दिल्ली की जनता के सहयोग का नतीजा है। अब हमें दिल्ली के लोगों को रिस्पॉन्सिव प्रशासन देना है। अगले कुछ दिनों में दिल्ली में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा।
क्या था पूरा मामला?
दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई को लेकर आम आदमी की सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर विवाद था। दिल्ली सरकार ने कोर्ट से केंद्र के साथ अपनी शक्ति की सीमा तय करने की मांग की थी।
जनवरी महीने में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने चार दिनों तक दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी समय से टकराव चल रहा था।
दिल्ली सरकार का कहना है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में उपराज्यपाल हस्तक्षेप ना करें। और इसी बात को लेकर दिल्ली सरकार ने याचिका लगाई थी।
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