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Delhi-Mumbai Expressway Update: जल्द 12 घंटे में दिल्ली से पहुंचेंगे मुंबई; प्रोजेक्ट का 83 प्रतिशत काम पूरा

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अब दिल्ली से मुंबई तक सफर और भी ज्यादा आसान और किफायती होने वाला है। इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का 83 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।

दिल्ली और मुंबई के बीच लगातार सफर करने वालों के लिए एक खुशखबरी है। अब दिल्ली से मुंबई तक सफर और भी ज्यादा आसान और किफायती होने वाला है। दरअसल, भारत सरकार के लॉन्ग विजन प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 83.41 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो गया है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की 1,386 किलोमीटर लंबाई में से 1,156 किलोमीटर लंबाई का निर्माण कार्य फरवरी 2025 तक पूरा होगा। इसमें से 756 किलोमीटर पर काम शुरू हो चुका है। इस बात की जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने संसद के चालू बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में दी है। मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने बताया कि प्रोजेक्ट की अंतिम लागत का अंदाजा बची हुई सड़क लंबाई के पूरा होने के बाद ही लगाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि शुरुआत में ठेकेदारों की धीमी गति, अप्रत्याशित परिस्थितियों और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों के कारण इस प्रोजेक्ट के काम में देरी हुई थी। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

NHAI कर रहा एक्सप्रेसवे का निर्माण

बता दें कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे नई दिल्ली और मुंबई को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जो 8 लेन का है। हालांकि, ट्रैफिक के आधार पर इसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण NHAI द्वारा किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे भारतमाला योजना का एक बड़ा हिस्सा है। माना जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा। यह भी पढ़ें: गुजरात के इस शहर का विकास पकड़ेगा रफ्तार; मुख्यमंत्री ने दी 600 करोड़ रुपये को मंजूरी

5 राज्यों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे

1350 किलोमीटर लंबे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 5 राज्यों से होकर गुजरेगा। इनमें हरियाणा (129 किमी), राजस्थान (373 किमी), मध्य प्रदेश (244 किमी), गुजरात (426 किमी) और महाराष्ट्र (171 किमी) शामिल हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए इन पांच राज्यों में 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग किया गया है।


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