दिल्ली मेट्रो ने एक नई पहल की घोषणा की है, जिसके तहत अब बीमार, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और अन्य विशेष श्रेणी के यात्रियों को लंबी लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। उनके लिए मेट्रो स्टेशनों पर विशेष लाइन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के साथ मिलकर सभी मेट्रो स्टेशनों पर ‘प्राथमिकता तलाशी पहल’ शुरू की है। इस पहल से दिव्यांगजन, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और घायल व्यक्ति को फायदा मिलेगा।
DMRC ने प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि इस पहल का उद्देश्य इन यात्रियों को एक सहज और परेशानी मुक्त यात्रा का अनुभव प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी असुविधा के सुरक्षा जांच से गुजर सकें। प्राथमिकता तलाशी प्रणाली को लागू करके, DMRC यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मेट्रो प्रणाली सभी यात्रियों के लिए अधिक सुलभ और संवेदनशील हो।
CISF के जवान मांग सकते हैं प्रमाण
हालांकि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, CISF के जवान यात्रियों से उनके विशेष श्रेणी में होने का प्रमाण दिखाने के लिए कह सकते हैं या उसकी पुष्टि कर सकते हैं। इसके लिए सभी मेट्रो स्टेशन पर अलग से जांच की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें कॉमन लाइन में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। DMRC ने यह भी कहा कि वह मेट्रो प्रणाली में आरक्षित सीटों सहित एंड-टू-एंड सेवाओं के माध्यम से दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यात्रियों के अनुकूल हैं डीएमआरसी के सभी परिसर
दिल्ली मेट्रो ने यह भी बताया कि डीएमआरसी के सभी परिसर यात्रियों के अनुकूल हैं जिनमें स्पर्शनीय पथ, व्हीलचेयर और अन्य सपोर्ट सिस्टम जैसी सुविधाएं शामिल हैं ताकि उन्हें निर्बाध यात्रा का अनुभव मिल सके। इस कदम के साथ डीएमआरसी ने सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और अधिक कारगर बनाते हुए, देश भर में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने का काम किया है।
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गौरतलब है कि पिछले महीने, दिल्ली मेट्रो ने अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक परिवहन संघ (UITP) के सहयोग से 19 से 21 मई तक डीएमआरसी अकादमी, शास्त्री पार्क, दिल्ली में "उन्नत मेट्रो संचालन और रखरखाव" पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया था। इसका उद्घाटन डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार, निदेशक (इन्फ्रास्ट्रक्चर) मनुज सिंघल और यूआईटीपी भारत प्रमुख रूपा नंदी ने किया था।