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नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग के प्रोजेक्ट साइट से 107 तो रेलवे की साइट से 96 पेड़ों को दूसरी जगह किया जाएगा प्रत्यारोपित
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केजरीवाल सरकार ने दोनों साइट्स पर 10 गुणा पौधरोपण करने की रखी शर्त
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दूसरी ओर अरकपुर बाग मोची में बनने वाले पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण की जरूरत के चलते उत्तर रेलवे ने दिल्ली सरकार से मोती बाग के पास कुल 162 पेड़ों में से 96 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का अनुरोध किया था। इस मामले पर एक रिपोर्ट पश्चिम वन प्रभाग के वृक्ष अधिकारी (डीसीएफ) को दी गई, जिन्होंने इसकी जांच की। वृक्ष अधिकारी के अनुसार क्षेत्र में पेड़ों की कुल संख्या 162 है और इसमें से 96 पेड़ों को प्रत्यारोपण के लिए प्रस्तावित किया गया। इस प्रस्ताव को भी दिल्ली सरकार ने मंजूरी दे दी है। सरकार के आदेश के मुताबिक 96 पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाएगा और एक भी पेड़ को काटया छांटा नहीं जाएगा। इतना ही नहीं, इस प्रत्यारोपण के एवज में मादीपुर मेट्रो स्टेशन के पास रामपुरा, शकूरबस्ती और मस्जिद हजरत सैयद भूरेशाह के पास 1.1136 हेक्टेयर क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया तो और पाया कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार 960 पौधे लगाने के लिए यह जगह पर्याप्त है। इन दोनों मामलों में खास बात यह भी है कि पेड़ों के प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन समेत अन्य प्रजातियां शामिल हैं। गैर वन भूमि पर 6 से 8 फीट ऊंचाई के पौधे लगाए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 का हवाला दिया है। कहा गया है कि संबंधित साइट पर मार्क किए गए पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाया जाए। अगर ऐसा किया गया तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा। इसके अलावा यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जब तक कि पक्षी उस पेड़ को छोड़ न दें। साथ ही पेड़ों की टहनियों और लकड़ी को कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान में मुफ्त में भेजा जाएगा।और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें
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