Center's Ordinance: दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कानूनी रास्ता अपनाया है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। आम आदमी पार्टी सरकार ने अध्यादेश को असंवैधानिक बताया है। अध्यादेश पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है।
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 19 जून को अध्यादेश जारी किया था। जिसमें केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था।
अध्यादेश के अनुसार, दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अंतिम फैसला उपराज्यपाल का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। संसद में अब 6 महीने के अंदर इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा। लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में अन्य दलों की जरूरत पड़ेगी। इसलिए अरविंद केजरीवाल ने देशभर के विपक्ष के नेताओं से समर्थन लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के हक में दिया था फैसला
दिल्ली के अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग की लड़ाई का मामला पहली बार 2015 में अदालत में पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने जनवरी में मामले की सुनवाई की। 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया। यह भी कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे।
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