दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने शराब नीति पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार द्वारा मौजूदा आबकारी नीति को मार्च 2026 तक बढ़ाया जाएगा। इसके तहत अगले नौ महीनों तक शहर में केवल सरकारी शराब की दुकानों को ही खोलने की अनुमति होगी।
लाइसेंस व्यवस्था को जारी रखने की मंजूरी दी
दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 (1 जुलाई 2025 से 31 मार्च 2026 तक) के लिए शराब के लिए मौजूदा आबकारी शुल्क आधारित लाइसेंस व्यवस्था को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। लाइसेंस का नवीनीकरण पिछले वर्षों की तरह ही शर्तों पर किया जाएगा। नवीनीकरण शुल्क इस बात पर निर्भर करेगा कि आवेदन कितनी जल्दी दाखिल किए गए हैं।
30 दिनों के भीतर नहीं देना होगा अतिरिक्त शुल्क
दिल्ली सरकार के मुताबिक, 30 दिनों के भीतर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। 60 दिनों तक की देरी होने पर 25% अतिरिक्त शुल्क और 60 दिनों से अधिक देरी होने पर 100% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
30 जून को समाप्त हो रही है मौजूदा शराब नीति
दरअसल, दिल्ली में मौजूदा शराब नीति 30 को समाप्त हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने इसे आगे बढ़ाया है। पुरानी आबकारी नीति के तहत चार सरकारी निगम दिल्ली में शराब की दुकानें चलाते हैं। सरकार ने पहले की माफिक लाइसेंसिंग वर्ष 2022-23 से प्रभावी आबकारी शुल्क आधारित व्यवस्था को रखने को मंजूदी देदी है।
नई शराब नीति बनाने में लगेगा समय
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने नई नीति बनाने के लिए एक समिति बनाई है। यह समिति अभी नई नीति पर काम कर रही है, जिसमें अभी काफी समय लग सकता है। इसे देखते हुए ही मौजूदा शराब नीति को आगे बढ़ाया गया है।
दिल्ली में 792 शराब की दुकानें
दिल्ली में वर्तमान में 792 शराब की दुकानें हैं। इन दुकानों को दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागगत विकास निगम, दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है।