Delhi Flood Alert Update: दिल्ली में बाढ़ आने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि यमुना नदी के जलस्तर ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। यमुना का जलस्तर दोपहर 2 बजे 205.36 मीटर हो गया है। हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट भी खोल दिए गए हैं। भाखड़ा और पोंग डैम भी उफान पर बह रहे हैं। 18 अगस्त की दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 205.24 मीटर दर्ज किया गया था, जो चेतावनी के स्तर (204.50 मीटर) से ऊपर और खतरे के निशान (205.33 मीटर) के करीब था, लेकिन 2 बजे तक जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया।
कल सुबह तक और बढ़ जाएगा जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, यमुना का जलस्तर 19 अगस्त 2025 की सुबह 2 बजे तक 206 मीटर को पार कर सकता है, जो बाढ़ की दस्तक देने वाला स्तर है और यमुना किनारे बसे लोगों को शिफ्ट करने (Evacuation) का स्तर है। बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से 58282 क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 36170 क्यूसेक पानी प्रति घंटा छोड़ा जा रहा है। हथिनीकुंड से इस मानसून सीजन में सबसे ज्यादा 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
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उत्तर भारत में भारी बारिश से बढ़ा जलस्तर
बता दें कि उत्तर भारत में भारी बारिश का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में भारी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों में पानी का स्तर बढ़ गया है। जिस वजह से मानसून सीजन 2025 में पहली बार हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोले गए हैं, जिससे दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा और अब अगर यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच जाता है तो निचले इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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दिल्ली सरकार ने शुरू की बचाव की तैयारियां
दिल्ली प्रशासन ने पहले से ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे दी है। पुराने यमुना पुल से ट्रेनों की गति पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम और बाढ़ नियंत्रण विभाग हाई अलर्ट पर है। बांधों की निगरानी के लिए टीमें तैनात की गई हैं। बता दें कि साल 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था, जो दिल्ली में यमुना नदी में अब तक का सबसे ऊंचा जलस्तर था। साल 1978 में दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर था, जो उस समय का रिकॉर्ड था।