Delhi Excise Scam: दिल्ली आबकारी नीति के कथित घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत पर 28 अप्रैल को फैसला आएगा। यह फैसला राउज एवेन्यू कोर्ट उस दिन शाम चार बजे सुनाएगा। बुधवार को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर आदेश टाल दिया।
इससे पहले मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा, 'जीओएम और कैबिनेट में क्या हुआ, यह बताना ईडी का काम नहीं है। ईडी यह बताए कि अगर कोई अपराध हुआ है तो किसने किया। केवल अटकलों के आधार पर सिसोदिया को हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है।'
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प्रवर्तन निदेशालय ने कहा- हमारे पास हैं सबूत
प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि शराब कार्टेल को अवैध लाभ देने के लिए एक अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था। ईडी के वकील ने आरोप लगाया कि सिसोदिया ने आबकारी नीति को संशोधित करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे पास सबूत हैं कि नीति को बिना किसी विचार-विमर्श और चर्चा के संशोधित किया गया था। हमारे पास यह दिखाने के लिए विभिन्न संबंधित व्यक्तियों के पर्याप्त बयान भी हैं कि लाभ मार्जिन 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था।
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26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को करीब सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल में घंटों पूछताछ के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था।
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