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दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में एक और FIR, अल फलाह यूनिवर्सिटी के 8 प्रोफेसरों का इस्तीफा, पढ़ें 5 अपडेट

Delhi Car Blast: दिल्ली कार ब्लास्ट और आतंकी हमले की जांच तेज हो गई है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने एक और केस दर्ज किया है. वहीं अल फलाह यूनिवर्सिटी पर भी शिकंजा कसता जा रहा है. वहीं जांच के दायरे में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स में हड़कंप मचा हुआ है.

दिल्ली में आतंकी हमले और अल फलाह यूनिवर्सिटी की जांच और तेज हो गई है.

Delhi Car Blast Updates: दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट और आतंकी हमला मामले में पुलिस ने एक और FIR दर्ज की है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने साजिश रचने का मामला दर्ज किया है. देश के कई शहरों में आतंकी साजिश रचने को लेकर मामला दर्ज किया गया. दिल्ली ब्लास्ट की जांच फिलहाल NIA कर रही है, लेकिन इसी बीच जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियां की नींद उड़ा दी है.

अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कसा शिकंजा

देश की जांच एजेंसियों को शक है कि देशभर में इस मॉड्यूल के सदस्य कई राज्यों और उनके शहरों में एक्टिव हो सकते हैं. वहीं हरियाणा के फरीदाबाद जिले की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर भी जांच का शिकंजा कस गया है. इस यूनिवर्सिटी के डॉक्टर की टेरर मॉड्यूल के सदस्य हैं और यूनिवर्सिटी में ही आतंकी हमले की साजिश रची गई. हमले में मारा गया डॉक्टर उमर और गिरफ्तार डॉक्टर भी यूनिवर्सिटी का ही प्रोफेसर और स्कॉलर निकले.

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प्रोफेसरों का इस्तीफा और छात्र भी परेशान

सूत्र के अनुसार, दिल्ली में आतंकी हमले के बाद NIA की जांच के घेरे में आने के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी के 8 प्रोफेसरों ने इस्तीफा दे दिया है. क्योंकि टेरर मॉड्यूल और आतंकी हमले का कनेक्शन यूनिवर्सिटी और इसके डॉक्टरों-छात्रों से मिला है. वहीं IMA ने डॉक्टर शाहीन, डॉक्टर उमर, डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टल आदिल के के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं और अब चारों कभी प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे और न ही डॉक्टर कहलाएंगे, न मरीजों का इलाज कर पाएंगे.

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पुलिस और जांच एजेंसियां यूनिवर्सिटी में छापेमारी कर रही हैं. इसलिए यूनिवर्सिटी के छात्र भी परेशान हैं और वे अपने घर जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में धमाके के बाद यूनिवर्सिटी में भारी सुरक्षा बल तैनात हो गया है. क्योंकि फरीदाबाद के जिन 2 कमरों से 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था, वह यूनिवर्सिटी से कुछ ही दूरी पर हैं.

कई डॉक्टर लापता, कई गिरफ्तार किए गए

सूत्रों के मुताबिक, अल फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टर मिसिंग हैं, जो डॉक्टर मुजम्मिल के संपर्क में थे. जांच एजेंसियां ने मुजम्मिल की कॉल डिटेल्स के आधार पर मुजम्मिल से कई बार बात करने वाले डॉक्टर से संपर्क किया तो उनका फोन बंद आया. जब उनसे पूछताछ के लिए अल फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची तो सभी गायब मिले. हरियाणा के नूंह जिले से 3 डॉक्टर्स को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है. जांच के दौरान इनका नाम भी सामने आया था, लेकिन दिल्ली ब्लास्ट या विस्फोटक खरीद में उनका कोई रोल है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है.

मुजम्मिल के फोन से बड़े नेटवर्क का खुलासा

उत्तर प्रदेश में कार्यरत कश्मीरी मूल के 200 से अधिक डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. पता चला है कि शाहीन उत्तर प्रदेश के करीब 50 डॉक्टर्स के संपर्क में थी. सूत्रों के अनुसर, अब तक गिरफ्तार संदिग्ध डॉक्टरों और डॉक्टर मुजम्मिल के मोबाइल फोन की CDR से बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियो ने डॉक्टरों की एक लंबी लिस्ट तैयार की है, जिसमें से अल फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़े और वहां पर काम करने वाले डॉक्टरों की तादाद ज्यादा है. इनमें से कई डॉक्टरों के फोन बंद हैं और कई गायब हैं, जिनकी धरपकड़ के लिए जांच एजेंसियां छापेमारी कर रही हैं.

तकरीबन 12 से ज्यादा प्रोफेशनल डॉक्टर्स की तलाश की जा रही है, जो जैश के इन संदिग्धों के लगातार नेटवर्क में थे और दिल्ली में आतंकी हमले के बाद गायब हैं.


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