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दिल्ली कार ब्लास्ट के वो सबूत, जिनके आधार पर सरकार ने माना लाल किले के पास आतंकी हमला हुआ?

Delhi Car Blast: दिल्ली कार ब्लास्ट में कई सबूत पुलिस और NIA के हाथ लगे, जिनके आधार पर धमाके को आतंकी हमला माना गया, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए. केंद्र सरकार ने एक रिजॉल्यूशन पास करके घटनाक्रम को आतंकी हमला करार दिया है.

Delhi Car Blast Evidence: दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार धमाके को आतंकी हमला माना गया है. केंद्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में एक रिजॉल्यूशन पास करके कार धमाके को आतंकी हमला करार दिया. मीटिंग में आतंकी हमले में हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों की स्मृति में 2 मिनट का मौन भी रखा गया.

साथ ही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को आतंकी हमले की जांच सौंपी गई और सख्त निर्देश दिया गया कि आतंकी हमले की जांच गहराई से पेशेवर तरीके से हो, ताकि आतंकी हमले की साजिश रचने वालों, अंजाम देने वालों और साजिश-हमले में भूमिका निभाने वालों की पहचान हो सके और उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जा सके.

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इन सबूतों के आधार पर कहा गया आतंकी हमला

1. कार में धमाका करने के लिए जिस विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल किया गया, वह अमोनियम नाइट्रेट या इससे बना RDX था, जिसकी पुष्टि के लिए फोरेंसिक डिपार्टमेंट की टीम जांच कर रही है.

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2. धमाके से पहले पुलवामा में आदिल और फरीदाबाद में मुजम्मिल के घर से बरामद 350 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ, असॉल्ट राइफल, पिस्टल, टाइमिंग डिवाइस, गोला-बारूद और बम बनाने का सामान, जिसमें केमिकल, ज्वलनशील पदार्थ और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट शामिल थे, बरामद हुए थे.

3. जिस हुंडई i20 कार में धमाका हुआ, उसमें मिले शव की पहचान आतंकी डॉक्टर उमर के रूप में हुई, जो सुसाइड अटैकर साबित हुआ. लाल किला और दिल्ली में लगे CCTV कैमरों में भी कार को ड्राइव करता उमर नजर आया.

4. मामले की जांच करते हुए जम्मू-कश्मीर और दिल्ली पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 2 कश्मीरी मुस्लिम डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई और डॉक्टर अदील मजीद राठेर शामिल हैं, जिनका कनेक्शन पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद से मिला.

5. दिल्ली में कार धमाका आतंकी हमला है और डॉक्टर उमर ने ही इसे अंजाम दिया है, इसका एक सबूत यह भी मिला है कि उमर और अन्य आतंकी तुर्की के अंकारा में बैठे हैंडलर UKASA के संपर्क में था. वहीं मार्च 2022 में उमर, शाहीन समेत कई आतंकी तुर्की भी गए थे, जहां उनका ब्रेश वॉश किया गया.

मामले में गिरफ्तार किए गए हैं यह 8 आरोपी

दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास हुए आतंकी हमला मामले में 8 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. 32 साल के डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई कश्मीरी मुस्लिम डॉक्टर को 30 अक्टूबर को हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया, जो पुलवामा का रहने वाला है और अल फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था, जिस पर विस्फोटक पदार्थ जुटाने और आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है. मुजम्मिल के फरीदाबाद स्थित किराये के मकान से 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था. जांच में इसका लिंक जैश-ए-मोहम्मद से मिला है.

कुलगाम निवासी कश्मीरी डॉक्टर डॉ. अदील मजीद राठेर को 5 नवंबर 2025 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था. वह अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर है और टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है. अदील पर हथियार और बम बनाने की सामग्री सप्लाई करने का आरोप है. 40 साल की उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिला निवासी डॉ. शाहीन सईद को 8 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था. शाहीन भी अल फलाह यूनिवर्सिटी एंड हॉस्पिटल की डॉक्टर है. व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की सहयोगी शाहीन को दिल्ली में विस्फोट से कुछ घंटे पहले फरीदाबाद में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

पुलवामा निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील को 9 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था. वह फरीदाबाद में उस मकान का मालिक है, जिसमें विस्फोटक पदार्थ छिपाकर रखा गया था. वह टेरर मॉड्यूल का लॉजिस्टिक सपोर्ट है और जैश-ए-मोहम्मद JeM हैंडलर के संपर्क में था. फरीदाबाद निवासी कश्मीरी अब्दुल्ला भाई को 10 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा है. अब्दुल्ला पर हथियारों की तस्करी करने और रेकी करने का आरोप है. उसके ठिकाने से असॉल्ट राइफलें बरामद हुई हैं और वह टेरर मॉड्यूल का फील्ड ऑपरेटिव है.

28 वर्षीय पुलवामा निवासी कश्मीरी मोहम्मद यूसुफ को 10 नवंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया. वह क्लर्क है और आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने में सहयोगी रहा. वहीं टेलीग्राम ग्रुप का एडमिन है, जहां आतंकी आपस में बातचीत करते थे. उत्तर प्रदेश के कानपुर से 11 नवंबर 2025 को कश्मीरी युवक राशिद अहमद को गिरफ्तार किया गया था. वह टेरर मॉड्यूल नेटवर्क का हिस्सा था. इसके अलावा वह फंडिंग और लॉजिस्टिक्स में सहयोगी था.

उत्तर प्रदेश निवासी 35 वर्षीय फराज इलाही टेरर मॉड्यूल के लिए प्रोपेगेंडा चलाने और भर्ती का काम करता था. वह सोशल मीडिया हैंडलर था और शाहीन के संपर्क में रहता था.


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