Delhi Blast New Update: दिल्ली ब्लास्ट केस में चौंकाने वाला सच सामने आया है. ब्लास्ट हुई I20 कार में मिले शव के DNA टेस्ट की रिपोर्ट आ गई है और रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि शव आतंकी उमर का ही था. वहीं कार को ड्राइव कर रहा था. दिल्ली ब्लास्ट का हैंडलर UKASA तुर्की के अंकारा में था और सेशन ऐप के जरिए आतंकी उसके संपर्क में थे. वहीं इस खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि उमर ने ही घटनाक्रम को अंजाम दिया, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई.
मां-भाई के सैंपल से मैच हुए अवशेष
बता दें कि भारतीय जांच एजेंसियों को जांच में पता चला था कि सफेद रंग की हुंडई i20 कार को डॉ उमर ने खरीदा था और धमाके के समय वह कार में मौजूद था. वही फरीदाबाद में पकड़े गए टेरर मॉड्यूल का मेंबर भी था. पुलवामा के गांव संबूरा निवासी उमर की मां और भाई के DNA सैंपल लिए गए थे, जिनसे कार में मिले शव के अवशेष मैच किए तो वे 100 प्रतिशत मैच कर गए. मां-भाई के सैंपल से मृतक के दांत, हड्डियां और अन्य अवशेषों का मिलान किया गया था.
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दबाव में आकर बना सुसाइड अटैकर
जांच एजेंसियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और फरीदाबार में टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश पुलिस कर चुकी थी और आतंकियों की तलाश में छापेमारी चल रही थी, इसके दबाव में आकर उमर ने खुद को सुसाइड अटैकर बना लिया और लाल किला के पास कार ब्लास्ट में खुद को भी उड़ा लिया. उमर का परिवार जानता था कि वह कट्टरपंथी बन चुका है और गलत रास्ते पर जा रहा है, लेकिन पूछताछ में उन्होंने यह बात नहीं बताई. दबिश से घबराकर उमर ने हड़बड़ी में कार के साथ खुद को भी विस्फोट में उड़ा लिया. पता चला है कि मार्च 2022 में उमर अंकारा गया था, जहां उसका ब्रेन वॉश करके उसे कट्टरपंथी बनाया गया.
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दिल्ली ब्लास्ट को माना आतंकी हमला
बता दें कि बीते दिन प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई थी. इसमें एक रिजॉज्यूशन पास करके दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी हमला माना गया. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को हमले की जांच सौंपकर रिपोर्ट तलब की गई है. वहीं व्हाइट कॉलर टेरर मॉडयूल को खतरनाक कहा गया है, क्योंकि इसमें डॉक्टरी जैसे देश-दुनिया के सबसे सम्मानित पेशे के लोग शामिल हैं, जो पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के संपर्क में भी थे.