Sangam Vihar Assembly Seat: दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में सभी पार्टियां पसीना बहा रही हैं। दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बावजूद सियासी पारा हाई है। विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होनी है, जबकि 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बार संगम विहार सीट पर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। दिल्ली में 24 सीटें ऐसी हैं, जहां पूर्वांचली मतदाता निर्णायक हैं। संगम विहार सीट पर भी पूर्वांचली वोटरों की तादाद अधिक है।
इलाके के मुद्दे
इस इलाके में पानी की किल्लत बड़ा मुद्दा है। सड़क, सीवरेज, ट्रैफिक जाम आदि समस्याओं से इलाके के लोग जूझ रहे हैं। पिछले तीन चुनाव में यहां से आप के दिनेश मोहनिया ने जीत हासिल की है। संगम विहार इलाका काफी बड़ा और कई ब्लॉकों में बंटा हुआ है। यहां साफ-सफाई और गलियों की समस्या से भी लोग दो-चार हो रहे हैं।
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पहली बार यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। पहली बार यहां से बीजेपी के शिवचरण गुप्ता विधायक बने थे। वे बत्रा अस्पताल के संचालक थे, जो इलाके में लोगों का मुफ्त इलाज करवाने के लिए जाने जाते थे। 2008 में कांग्रेस के टिकट पर पूर्व IPS आमोद कंठ लड़े थे।
2013 में इस सीट से आप के दिनेश मोहनिया जीते। 2015, 2020 के चुनाव में भी आप अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही। इस बार आप ने चौथी बार मोहनिया पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने हर्ष चौधरी और बीजेपी ने चंदन चौधरी को मैदान में उतारा है।
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संगम विहार में कुल मतदाता 117463 हैं, जिनमें 66630 पुरुष और 50829 महिलाएं शामिल हैं। थर्ड जेंडर्स के 4 वोट हैं। 2020 में AAP कैंडिडेट दिनेश मोहनिया को 75345 वोटरों का साथ मिला था। दूसरे नंबर पर JDU के शिवचरण लाल गुप्ता रहे थे, जिनको 32823 वोट मिले थे। 872 वोट नोटा को मिले थे। इस बार जनता का साथ किस पार्टी को मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी?