Delhi Assembly Elections: दिल्ली की बवाना (रिजर्व) सीट इस बार हॉट बनी हुई है। यह सीट उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आती है, जिसमें बवाना समेत 21 गांव शामिल हैं। औचंदी, दरियापुर, मुंगेशपुर, हरेवली, कटेवडा, कुतुबगढ़, नांगल ठाकरान, वाजितपुर, चांदपुर कलां, चांदपुर खुर्द, बेगमपुर, पूठ खुर्द, सुल्तानपुर डवास, बरवाला, प्रहलादपुर, माजरा, शाहाबाद, जटखोर पंजाब जैसे गांव इस सीट का हिस्सा हैं। अधिकतर इलाके जाट बाहुल्य हैं, जिनकी सीमा हरियाणा से लगती है। वहीं, पुनर्वास कॉलोनी में पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार की मिली-जुली आबादी रहती है।
बवाना के गांवों में तालाबों में गंदगी, गंदे पानी की निकासी, पार्कों की बदहाली और जाम बड़े मुद्दे हैं। इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 348122 हैं, जिनमें पुरुष 190463 और महिलाएं 157630 हैं, 29 वोट थर्ड जेंडर्स के हैं। 1993 से अब तक यहां 8 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। बीजेपी के चांदराम ने पहली बार जीत हासिल की थी। 1998 में कांग्रेस के सुरेंद्र कुमार जीते। सुरेंद्र ने ही 2003 और 2008 में जीत हासिल कर हैट्रिक लगाई।
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2013 में बीजेपी के गूगन सिंह जीते, जबकि 2015 में इस सीट से आप के वेदप्रकाश विधायक बने थे। उन्होंने 2 साल बाद रिजाइन कर बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था। इसके बावजूद आप के रामचंद्र 24 हजार वोटों से जीतकर विधायक बने थे। 2020 में उनका टिकट कट गया और आप ने जय भगवान उपकार को लड़वाया। उपकार ने यहां से जीत दर्ज की।
इस बार आम आदमी पार्टी ने दूसरी बार अपने मौजूदा विधायक जय भगवान उपकार पर दांव खेला है। कांग्रेस ने फिर से सुरेंद्र कुमार और बीजेपी ने रविंद्र इंद्राज सिंह को टिकट दिया है। तीनों दलों के बीच रोमांचक मुकाबला माना जा रहा है। देखने वाली बात होगी कि वोटर किस पार्टी का साथ देंगे?
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बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। वोटिंग के लिए 13 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या 83.49 लाख और महिलाओं की संख्या 71.74 लाख हैं।