दिल्ली सरकार एक खास पॉलिसी लागू करने जा रही है। इस पॉलिसी के तहत पुराने और कंडम हो चुके वाहनों को फ्यूल स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। यह कदम सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया है। राजधानी दिल्ली के 477 फ्यूल स्टेशनों पर ANPR कैमरे (Automatic Number Plate Recognition) सिस्टम इंस्टॉल किए गए हैं। ये कैमरे गाड़ियों की नंबर प्लेट को स्कैन करके उसकी उम्र और प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) की जांच करेंगे। अगर कोई व्हीकल की उम्र 15 साल या इससे अधिक पुराना है, प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है तो इसका पता लग जाएगा। इसके बाद वाहन को पेट्रोल या डीजल मुहैया नहीं करवाया जाएगा। राजधानी के 500 पेट्रोल पंपों पर जल्द इस तरह के कैमरे लगा दिए जाएंगे।
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सूत्रों के मुताबिक फिलहाल 105 सीएनजी स्टेशनों और 372 पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर डिवाइस लग चुकी है। शेष बचे 23 फ्यूल स्टेशनों पर भी यह डिवाइस जल्द लग जाएगी। पर्यावरण विभाग के मुताबिक अप्रैल के अंत तक इस डिवाइस को पूरी दिल्ली के स्टेशनों पर लगा दिया जाएगा। पहले इस योजना को 1 अप्रैल से शुरू किया जाना था, लेकिन डिवाइस इंस्टॉल करने के काम में देरी हुई। इसकी वजह से योजना को टालना पड़ा। इस योजना को खुद सीएम रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा मॉनिटर कर रहे हैं।
प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी 2018 में पेट्रोल वाहनों के लिए दिल्ली में 15 साल की समय सीमा तय की थी। डीजल के वाहनों के लिए उम्र 10 साल निर्धारित की गई थी। 2014 में एनजीटी की ओर से फैसला लिया गया था, जिसके तहत 15 साल से अधिक उम्र के वाहनों की पार्किंग पर रोक लगा दी गई थी। अब दिल्ली की सरकार ने प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया है।
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एनजीटी के नियमों के मुताबिक 10 साल पुराने डीजल, 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाना, पार्क करना बैन है। अगर ऐसे किसी वाहन को ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग जब्त करेगा तो उनको कबाड़ के तौर पर नष्ट करने का अधिकार है।