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दिल्ली में होगी ‘आर्टिफिशियल रेन’, सरकार 4 से 11 जुलाई के बीच करेगी टेस्ट

Delhi Artificial Rain Trial: दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नया प्लान बना रही है। इसके लिए सरकार 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश का परीक्षण करने वाली है। जानिए आर्टिफिशियल बारिश कैसे होती है?

दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन की तैयारी (News24 GFX)
Delhi Artificial Rain Trial: दिल्ली में वायु प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या है, जिससे निपटने के लिए सरकार अलग-अलग योजनाएं बनाती है। अब दिल्ली में कृत्रिम बारिश की योजना बनाई जा रही है। IIT कानपुर सरकार की इस प्लानिंग का तकनीकी तौर पर संचालन करेगा। इसके साथ ही सरकार इसके बारिश के लिए DGCA से भी परमिशन ले ली है। अब जैसे ही मौसम इसके अनुकूल होगा, तभी बारिश कराई जाएगी। इसके लिए 4 से 11 जुलाई के बीच की तारीखें सामने आ रही हैं।

कितना आएगा खर्च?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना पर लगभग 3.21 करोड़ रुपये खर्च आएगा। हर एक परीक्षण 90 मिनट का होगा। बारिश कराने में विमानों की मदद ली जाएगी, जो नैनोकणों और नमक के मिश्रण का छिड़काव करेंगे। DGCA से पहले ही मौसम विभाग ने भी इसके लिए अपना समर्थन दे दिया है। इस दौरान कम सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और बाहरी दिल्ली में सिर्फ 5 विमान उड़ान भरेंगे।

कैसे करेगा काम?

इसके लिए एक पूरा प्रोसेस तैयार किया गया है। इसमें विमानों के जरिए फ्लेयर सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। बादलों में एक खास तौर का मिक्सचर मिलाया जाएगा, जिसे आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किया जाएगा। इसमें सिल्वर आयोडाइड नैनोकण, आयोडीन युक्त नमक और सेंधा नमक को शामिल किया जाएगा। ये मिक्सचर नमी से भरे बादलों में बारिश की बूंदों का निर्माण तेजी से करता है। इसके बाद कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) कराई जा सकती है। यह भी पढ़ें: Delhi News: नरेला में युवक की संदिग्ध हालत में हत्या, अधजला मिला शव मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि 3 जुलाई को क्लाउड सीडिंग के लिए परिस्थितियां सही नहीं बन पाई, लेकिन 4 से 11 जुलाई के बीच तारीख तय की गई है।


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