नई दिल्ली: मनी लॉड्रिंग केस में जेल में बंद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सत्येंद्र जैन की दलील है कि अब तक उन्होंने केस की जांच में पूरा सहयोग किया है। ऐसे में उसे जमानत दी जानी चाहिए।
बता दें इससे पहले निचली अदालत 17 नवंबर को जैन की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। इससे पहले जांच एजेंसी ईडी ने निचली अदालत में जैन की जमानत याचिका का विरोध किया था। जांच एजेंसी के वकील का तर्क था कि आरोपी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाने के लिए पर्याप्त गवाह और सामग्री हैं। आरोपी अन्य आरोपियों के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल था। उसने कोलकाता की कंपनियों को पैसा भेजा और वह पैसा जैन का है। वह साजिशकर्ता और सरगना है।
निचली अदालत में यह हो चुका
इससे पहले ईडी ने तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन को दिए गए स्पेशल ट्रीटमेंट का मुद्दा भी उठाया था। ईडी का दावा था कि मंत्री को खास खाना मुहैया कराया जा रहा है और अनजान लोगों से मसाज करवाई जा रही है। बता दें जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि जिन कंपनियों पर जैन का “लाभप्रद स्वामित्व और नियंत्रण” था, उन्होंने शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की आवास प्रविष्टियां प्राप्त कीं, जो हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद हस्तांतरित की गईं।
यह है मामला
गौरतलब है ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।