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प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली सरकार तैयार, सीएम अरविंद केजरीवाल ने की 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए तैयार है। इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी पराली गलाने के लिए निःशुल्क […]

Arvind Kejrival on pollution
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ मिलकर सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए तैयार है। इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी पराली गलाने के लिए निःशुल्क बायो डी-कंपोजर घोल का छिड़काव किया जाएगा। छह अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जाएगा। दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, खरीद व बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा और इसके लिए 210 टीमें गठित की गई हैं। 5 हजार वर्ग मीटर से अधिक एरिया वाले निर्माण साइट्स पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है। इसके तहत पूरी दिल्ली में 233 एंटी स्मॉग गन लगाए जा रहे हैं। रोड स्वीपिंग की 80 और पानी छिड़काव के लिए 521 मशीनें लगाई जा रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल कहा कि 20 अक्टूबर से रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी का डेटा आना चालू होगा कि कहां पर क्या-क्या प्रदूषण है। आईआईटी कानपुर इसका फोरकास्टिंग भी करेगा। होलंबी कलां में 20 एकड़ में ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है, जहां वैज्ञानिक तरीके से इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निस्तारण किया जाएगा। अभी पढ़ें - Rajasthan Weather Update: प्रदेश के ज्यादातर इलाकों से मानसून ने ली विदाई, बढ़ने लगा है तापमान दिल्ली में चिंहित 13 हॉटस्पॉट पर कड़ी नजर रहेगी। ग्रैप को सख्ती से लागू करेंगे और केंद व एनसीआर के राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण को रोकने की कोशिश करेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि दिल्ली वासियों के साथ मिलकर हम इस बार भी प्रदूषण पर काबू पाने में सफल होंगे। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निजात पाने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसके चलते 2017-18 के मुकाबले 2021-22 में पीएम-10 का स्तर 18.6 फीसद नीचे आया है- अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस वार्ता कर दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने को लेकर 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सर्दियां आने वाली हैं और हम देखते हैं कि सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। दिल्ली सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर तैयारी कर ली है। इसका पूरा प्लान तैयार हो चुका है। इससे संबंधित सभी एजेंसियों के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, पिछले सात साल से दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने मिलकर दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए कई उपाय किए हैं और काफी मेहनत किए हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि भारत सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 के मुकाबले 2021-22 में (पिछले चार साल में) दिल्ली के वायु प्रदूषण में काफी सुधार हुआ है। पीएम-10 का स्तर 18.6 फीसद नीचे आया है। दिल्ली वालों ने मिलकर पिछले सात साल में वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें 10 प्रमुख कदमों से दिल्ली के वायु प्रदूषण पर सबसे अधिक असर पड़ा है। इसके लिए सभी दिल्लीवासी बधाई के पात्र हैं।

दिल्ली अब एक ऐसा मॉडल राज्य बन गया है, जहां कोई भी कोल आधारित थर्मल पावर प्लांट नहीं है- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले उपाय का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में पहले बिजली खूब जाया करती थी। जब बिजली जाती थी, तो जनरेटर चलते थे और इससे डिजल का प्रदूषण होता था। जब से दिल्ली में हमारी सरकार बनी है, तब से हमने दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर दी है। इसलिए दिल्ली में जनरेटर चलने बंद हो गए। इस एक कदम की वजह से दिल्ली का प्रदूषण बहुत कम हुआ है। दूसरा, दिल्ली में दो थर्मल पावर प्लांट थे। इन प्लांट से प्रदूषण के बहुत सूक्ष्म कण निकलते थे। इसके वजह से प्रदूषण होता था। हमने दोनों थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिया और हमने कहीं और से बिजली का इंतजाम कर लिया। अब दिल्ली एक मॉडल राज्य बन गया है, जहां कोई भी कोल आधारित थर्मल पावर प्लांट नहीं है। इसकी वजह से भी प्रदूषण पर काफी असर पड़ा। तीसरा, हमने धूल से होने वाले प्रदूषण को भी काफी सख्ती के साथ निपटा है। जितने निर्माण साइट्स थे, वहां जांच की गई और जहां भी गड़बड़ पाई गई, वहां भारी जुर्माना किया गया। सभी नए निर्माण साइट्स पर रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए एक वेब पोर्टल बनाया, जिससे पता चलता रहता है कि उस साइट पर प्रदूषण हो रहा है या नहीं हो रहा है। चौथा, जितने भी पंजीकृत इंडस्ट्रीज हैं, वहां पर पहले बहुत प्रदूषण करने वाला ईंधन इस्तेमाल किया जाता था। हमने सारा बदल दिया और अब सभी पंजीकृत इंडस्ट्रीज में पीएनजी ईंधन का इस्तेमाल होता है। पीएनजी प्रदूषण नहीं करता है। इसके लिए मैं सभी इंडस्ट्री वालों को बधाई देता हूं। उनसे हम लोगों को सभी का बहुत सहयोग मिला।

जब हमारी सरकार बनी थी, तब दिल्ली का ग्रीन कवर 20 फीसद था, जो आज बढ़कर 23.6 फीसद हो गया है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पांचवें कदम का उल्लेख करते हुए कहा कि देश भर में हर शहर में पेड़ काटे जा रहे हैं। कहीं विकास हो रहा है, उसकी वजह से पेड़ काटे जा रहे हैं, तो कहीं अवैध तरीके से भी पेड़ काटे जा रहे हैं। जैसे-जैसे विकास होता जाता है और समय गुजरता जाता है, हर शहर का ग्रीन कवर कम होता जाता है। जब से हमारी सरकार बनी है, दिल्ली में यह उल्टा हो रहा है। दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ता जा रहा है। हमारी सरकार जब बनी थी, तब दिल्ली का ग्रीन कवर 20 फीसद था और आज ग्रीन कवर बढ़कर 23.6 फीसद हो गया है। यनि 3.6 फीसद दिल्ली का ग्रीन कवर बढ़ गया है। इसके लिए दिल्ली के लोगों ने बहुत सहयोग किया। छठां कदम, 2022 में हम लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी लाए थे। उस समय हमने जो लक्ष्य रखे थे, वो पूरे हो गए। दिल्ली की जनता ने ईवी पॉलिसी को जबरदस्त तरीके से अपनाई है। लोग अब डीजल, पेट्रोल और सीएनजी के वाहनों को छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं। अपने देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के शहरों की अपेक्षा सबसे अधिक रूझान दिल्ली के अंदर देखा जा रहा है। पिछले एक साल में हमने सार्वजनिक परिवहन में भी कई नई इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को शामिल किया है। सार्वजनिक परिवहन मजबूत होगा, तो लोग अपनी गाड़ियां इस्तेमाल करना बंद करेंगे। सातवां, 2021 में हमने स्मॉग टावर बनाकर एक पायलट प्रोजेक्ट किया था। उसका भी अच्छा असर हुआ है। आठवां, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू करने के लिए कहा है, उसको हम बड़ी सख्ती के साथ लागू कर रहे हैं। इसके अलावा हमें केंद्र सरकार से भी मदद मिली। केंद्र सरकार ने दिल्ली के दोनों ओर जो पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बनाए, उसकी वजह से काफी ट्रक समेत अन्य वाहन दिल्ली के बाहर से जाने लगे। जिससे प्रदूषण में काफी कमी आई है। यह वाहन पहले दिल्ली के अंदर से गुजरते थे, जिनकी वजह से काफी प्रदूषण होता था।

10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़क पर आने से रोकने के लिए 380 टीमें बनाई गई हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि आने वाली सर्दियों में हम 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान लागू करेंगे। पहला, पराली है। दिल्ली में पूसा इंस्टीट्यूट ने बायो डी-कंपोजर घोल तैयार किया है। इस बार भी घोल का मुफ्त में छिड़काव करेंगे। इस घोल को पराली के डंठल पर छिड़कते हैं। इससे डंठल नरम हो जाते हैं और किसानों को उसमें आग नहीं लगानी पड़ती है। हम लोग यह प्रयोग दो-तीन साल से कर रहे हैं और इसमें काफी सफलता भी मिली है। पिछले साल हमने करीब 4 हजार एकड़ पर किया था और इस बार हम करीब 5 हजार एकड़ पर करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि दिल्ली में किसी भी किसान को पारली जलाने की जरूरत न पड़े। दूसरा, धूल का प्रदूषण रोकने के लिए छह अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जाएगा। इसके तहत, हमने 500 वर्ग मीटर से अधिक वाले निर्माण साइट्स को दिल्ली सरकार के वेब पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया है और वहां पर डस्ट का रियल टाइम मॉनिटरिंग किया जाएगा। इसके लिए हमने पूरी दिल्ली में 586 टीमें गठित की है, जो हर निर्माण साइट पर जाकर इनकी मॉनिटरिंग करेंगी और एंटी डस्ट के प्लान को लागू कराएंगी। 5 हजार वर्ग मीटर से अधिक एरिया वाले निर्माण साइट्स पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत पूरी दिल्ली में 233 एंटी स्मॉग गन लगाए जा रहे हैं। सड़क से जो प्रदूषण होता है, उसके लिए हमने 80 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई हैं, ताकि प्रदूषण न हो। पानी का छिड़काव करने के लिए 521 मशीने लगाई जा रही हैं और 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए जा रहे हैं, ताकि सड़कों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। तीसरा, ट्रांसपोर्ट की वजह से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी की सख्ती से जांच की जाएगी। 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़क पर न उतरें, इसका सख्ती से पालन कराने के लिए 380 टीमें बनाई गई हैं। 203 ऐसी सड़कें हैं, जहां बहुत ज्यादा भीड़-भाड़ होती है, जिसकी वजह से प्रदूषण हो सकता है। इन सड़कों पर भीड़ कम करने के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किए गए हैं। चौथा, दिल्ली के अंदर खुले मे कूड़ा जलाना प्रतिबंधित है। इसको रोकने और इसको लागू करने के लिए 611 टीमो का गठन किया गया है।

चोरी-छिपे प्रदूषण पैदा करने वाले ईंधन का उपयोग करने वाली इंडस्ट्री पर कार्रवाई के लिए 33 टीमें गठित की गई हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब सभी पंजीकृत इंडस्ट्रीज यूनिट पीएनजी का इस्तेमाल कर रही हैं। कोई इंडस्ट्री चोरी-छिपे प्रदूषण पैदा करने वाला ईंधन इस्तेमाल न करे, इसके लिए 33 टीमों का गठन किया गया है। छठां, पिछली बार की तरह इस बार भी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, खरीद और बिक्री के उपर प्रतिबंध लगाया गया है। पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी पर भी रोक है। इसको लागू कराने के लिए 210 टीमों का गठन किया गया है। सातवां, रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्डटी। हमने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर स्टडी की है कि इस समय दिल्ली में कितना प्रदूषण है और वो प्रदूषण किस-किस वजह से है। इसके लिए राउस एवेन्यू रोड पर एक सुपर साइट बनाई गई है। एक मोबाइल वैन है, जिसके उपर कई उपकरण लगाए गए हैं। हमें उम्मीद है कि 20 अक्टूबर से पहली बार कुछ डेटा आना चालू हो जाएगा। इसमें एक मौजूदा सोर्स अपोर्शनमेंट होगा कि हवा में कहां-कहां से क्या-क्या प्रदूषण है और दूसरा, आईआईटी कानपुर के द्वारा प्रदूषण की फोरकास्टिंग भी की जाएगी। आठवां, पर्यावरण मित्र बनाए गए हैं। अभी तक करीब 3500 वालेंटियर्स पंजीकरण कर चुके हैं, वे समाज सेवा करना चाहते हैं। ये वालेंटियर्स जाकर दिल्ली के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे। इसमें कोई भी पर्यावरण मित्र बन सकता है। दिल्ली के सुधार के लिए कोई भी अपना योगदान दे सकता है। अगर आप पर्यावरण मित्र बनना चाहते हैं, तो मोबाइल नंबर 8448441758 पर मिस्ड कॉल कर पर्यावरण मित्र बन सकते हैं।

ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 42 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है, 33 लाख पौधे लग चुके हैं और 15 अक्टूबर से शेष 9 लाख पौधे लगाए जाएंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम एक ई-वेस्ट पार्क बना रहे हैं। जो इलेक्ट्रॉनिक कूड़ा निकलता है, यह बहुत ही खतरनाक होता है। ई-वेस्ट कूड़े से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए होलंबी कलां 20 एकड़ का ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है। इसकी स्थापनो के बाद दिल्ली से निकलने वाला सारा इलेक्ट्रॉनिक कचरा ई-वेस्ट पार्क में ले जाएंगे और वहां इसका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा। दसवां, हमने दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 42 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। पहले चरण में हम लोग 33 लाख पौधे लगा चुके हैं। अभी 9 लाख पौधे लगाने शेष हैं, जिसे 15 अक्टूबर से दूसरे चरण में लगाया जाएगा। 11वां बिन्दु, प्रदूषण की 24 घंटे मॉनिटरिंग करने के लिए ग्रीन वॉर रूम और बेहतर तरीके से बनाया जा रहा है और यह 3 अक्टूबर से चालू होगा। इसमें 9 सदस्य वैज्ञानिक विशेषज्ञ रहेंगे, जो प्रदूषण का लगातार विश्लेषण करेंगे और अगले दिन क्या करना है, इसका प्लान बनाएंगे। 12वीं, हमने दो साल पहले ग्रीन दिल्ली एप बनाया था और यह बहुत सफल हुआ था। जनता ने इसको बहुत सराहा और स्वीकार किया। अभी तक ग्रीन दिल्ली एप पर 53 हजार से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं और उसमें से 90 फीसद शिकायतों का समाधान हो चुका है। मेरी अपील है कि सभी दिल्ली वासी इसको अपने मोबाइल में स्टॉल कर लें। अगर आप कहीं जलता कूड़ा, प्रदूषण होते देखते हैं, तो इस एप पर शिकायत कर सकते हैं और तत्काल कार्रवाई की जाएगी। अभी पढ़ें - दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों के स्क्रैप के बाद खरीदे गए वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट देने को दी मंजूरी

दिल्ली में चिन्हित 13 हॉटस्पॉट वाले एरिया में प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय किए जाएंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 13वां, दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है। वहां पर कड़ी नजर रखी जाएगी और वहां प्रदूषण कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाएंगे। 14वां, संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉस एक्शन प्लान (ग्रैप) को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसमें एयर क्वालिटी के तीन दिन का फोरकास्ट किया जाएगा और पिछले साल की तरह इस साल भी दिल्ली में ग्रैप का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया जाएगा। हम सब जानते हैं कि ऐसा नहीं है कि दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब या जम्मू कश्मीर की हवा अलग है। हवा तो इधर से उधर चली जाती है और उधर से इधर चली आती है। जब तक हम सारे मिलकर कदम नहीं उठाएंगे, तब तक सफल नहीं होंगे। हमारा प्रयास रहेगा कि हम भारत सरकार के सीएक्यूएम और एनसीआर के सभी राज्यो के साथ मिलकर प्रदूषण को कम करने की कोशिश करेंगे। मेरी सभी पड़ोसी राज्यों से अपील है कि उनके यहां बहुत से वाहन दिल्ली में आते हैं। वे कोशिश करें कि उनके यहां से दिल्ली में आने वाले वाहन ज्यादा से ज्यादा सीएनजी या इलेक्ट्रिक हों। पड़ोसी राज्य भी अपने-अपने इंडस्ट्रीयल यूनिट में प्रदूषण करने वाले ईंधन को रोक कर पीएनजी कर दें। साथ ही पड़ोसी राज्यों से यह भी निवेदन है कि उनके यहां जो ईंट के भट्ठे हैं, उससे भी काफी प्रदूषण होता है। उसकी जगह वो जिग-जैक तकनीक का इस्तेमाल करें और डीजल जनरेट पर प्रतिबंध लगाया जाए। एनसीआर के इलाके में कम से 24 घंटे बिजली का इंतजाम हो, ताकि लोगों को डीजल का उपयोग न करना पड़े। मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी दिल्ली वासियों के साथ मिलकर हम इस बार भी प्रदूषण पर काबू पाने में सफल होंगे। अभी पढ़ें – प्रदेश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें  


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