दिल्ली में 30 सितंबर को सीएम केजरीवाल 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की करेंगे घोषणा: गोपाल राय
Gopal Rai
नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 30 सितंबर को 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे। दिल्ली में अब 5 हजार वर्गमीटर की निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा वायु की स्थिति खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर 3 दिन पहले से ही ग्रेप के उपायों को लागू किया जाएगा। सभी निर्माण कार्य से संबंधित एजेंसियों को धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिये गये हैं।
अभी पढ़ें - Rajasthan Political Crisis: नोटिस मिलने के बाद महेश जोशी ने दिया बड़ा बयान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सर्दियों में होने वाली प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार 15 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है। इसके लिए दिल्ली सचिवालय में संबंधित 30 विभागों के साथ 5 सितम्बर को संयुक्त बैठक की गई। सभी विभागों को 15 सितंबर तक पर्यावरण विभाग को विंटर एक्शन प्लान के तहत विस्तृत कार्ययोजना सौंपने के निर्देश दिए गए थे। सभी विभागों ने विंटर एक्शन प्लान से संबंधित सुझाव/रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सुझावों एवं रिपोर्ट के आधार पर विंटर एक्शन प्लान तैयार हो गया है। इस 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 30 सितंबर को लोगों के सामने रखेंगे। उसके आधार पर सभी विभागों के साथ सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की तरफ से ग्रेप में कुछ परिवर्तन किए गए है। दिल्ली में पहले 2018 से इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम लागू किया जा रहा था। उसका आधार वायु में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हुआ करती थी। उसी के आधार पर प्रदूषण के स्तर को 5 वर्गों, मॉडरेट, पूअर, वेरी पूअर, सेवियर और सेवियर प्लस में विभाजित किया गया था। इसमें संशोधन करके 2022 में AQI लेवल के आधार पर प्रदूषण के स्तर को 4 वर्गों -पूअर (एक्यूआई 201-300), वेरी पुअर (एक्यूआई 301-400), सेवियर (एक्यूआई 401-450) और सेवियर प्लस (एक्यूआई > 450) में बांटा गया है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि अब वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होने से पहले पूर्वानुमानों के आधार पर 3 दिन पहले से ही ग्रेप के उपायों को लागू किया जाएगा। एक्यूआई की भविष्यवाणी आईआईटीएम और आईएमडी के डायन्मिक एयर क्वालिटी फॉरकास्ट सिस्टम डेटा के आधार पर की जाएगी। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था।
अभी पढ़ें - Ankita Murder Case: अंकिता के पिता की 9 मांगों के बाद सीएम धामी ने की बड़ी घोषणा, ट्वीट करके दी ये जानकारी
अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर एक एंटी स्मोग, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर 2 एंटी स्मोग गन, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर निर्माण साइट पर 3 एंटी स्मोग गन और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर कम से कम 4 एंटी स्मोग गन होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछली बार निर्माण कार्यों से जुड़ी सभी एजेंसियों के साथ मिलकर धूल प्रदूषण को कम करने के लिए काम किया था। इस बार भी हम सभी एजेसियों से अपील करते हैं कि धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करें। निर्माण कार्य में लगी एजेंसियां जो इन नियमों का पालन नहीं करेंगी, उनपर कार्रवाई की जाएगी।
अभी पढ़ें - प्रदेश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.