President Droupadi Murmu Chhattisgarh Visit: छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू दौरे पर हैं और कल उनके दौरे का दूसरा दिन था। अपने दौरे के दूसरे दिन द्रोपदी मुर्मू पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं। इस समारोह में साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए छत्तीसगढ़ को विकसित बनाने पर खास चर्चा की गई। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस दौरान संस्थान के 25 विद्यार्थियों को 33 स्वर्ण पदक एवं 6 विद्यार्थियों को सुपर स्पेशलिस्ट की उपाधि दी है। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य से प्रोडक्शन और क्रिटिविटी बढ़ती है, जिसके साथ नया भारत विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।
सरकार की नीतियों को लोगों तक पहुंचाना
राष्ट्रपति ने बताया कि जनजाति समाज के लोगों को हमेशा सिकल सेल एनीमिया की समस्या रहती है। भारत सरकार सिकल सेल एनीमिया एलिमिनेशन के लिए लगातार काम कर रही है। लोगों की सेहत के लिए स्वास्थ्य कर्मी ही फ्रंटलाइन में रहते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक कर सकते हैं। साथ ही आम नागरिकों को सरकार की तरफ से की जा रही कोशिश से रूबरू करवा सकते हैं। आप नीति निर्माता और जनता के बीच सेतु का काम कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को सरकार की नीतियों से अवगत करवाए। उन्होंने आगे कहा कि सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में पोस्ट करना चाहिए।
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'आगे बढ़ रहा है नया भारत'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें अपने इन दो दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान उन्हें 2 इंजीनियरिंग और 2 मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित करने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें विद्यार्थियों और रिसर्चर्स में शोध को लेकर ललक को महसूस हुई। उन्हें ऐसे युवाओं में भारत की झलक दिखती है। उन्हें यह एहसास होता है कि नया भारत जो पूरे मजबूती के साथ विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
वहीं सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, जहां नए ट्रेनी डॉक्टर्स की जरुरत को पूरा किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि यह विद्यार्थियों की लगातार कोशिशों, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। यह विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं है बल्कि मानव सेवा के मार्ग पर एक शानदार शुरुआत है।