छत्तीसगढ़: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को एक महिला समेत दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान पद्मा और दुबासी देवेंद्र के रुप में हुई है। ये दोनों 2019 के तिरिया मुठभेड़ मामले में वांछित थे। इस मुठभेड़ में छह नक्सलियों और एक नागरिक की मौत हुई थी। एनआईए इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एजेंसी के अनुसार, पद्मा उर्फ मोडेम पद्मा उर्फ ललिता पहले भाकपा (माओवादी) या नक्सलियों की मंडल समिति सदस्य के रूप में सक्रिय थीं। लेकिन वर्तमान में मोर्चा संगठनों और भाकपा (माओवादी) के बीच समन्वयक के रूप में काम कर रही थी। साथ ही प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा का प्रसार कर रही थीं। वहीं, देवेंद्र मुख्य क्षेत्र में सक्रिय सीपीआई (माओवादी) कैडरों के साथ निकटता से जुड़ा हुआ था। वह सीपीआई (माओवादी) के लिए एक कूरियर के रूप में भी काम कर रहा था।
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे दोनों
एनआईए की जांच में पता चला था कि रविवार को गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में शामिल थे। एजेंसी ने इससे पहले दोनों आरोपियों के घरों की गई तलाशी के दौरान नक्सली कैडरों की गतिविधियों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी। एनआईए ने इस केस को 2021 में अपने हाथ में लिया था।
बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए थे नक्सली
दरअसल, छत्तीसगढ़ के तिरिया गांव के पास नक्सलियों ने 2019 में सुरक्षा बलों पर हमला किया। जिसे तिरिया मुठभेड़ मामले के रूप में जाना जाता है। जिला रिजर्व गार्ड (DRG), विशेष कार्य बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक संयुक्त टीम ने छत्तीसगढ़ में जगदलपुर जिले के पीएस नगरनार क्षेत्र में तिरिया के पास पहुंचे थे। 28 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाई जाने वाली एक बड़ी घटना को अंजाम देने के इरादे से नक्सलियों का एक समूह इकट्ठा हुआ था। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।
मामला शुरू में 28 जुलाई, 2019 को शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। इसे 18 मार्च, 2021 को एनआईए द्वारा फिर से पंजीकृत किया गया था।
यह भी पढ़ें: POK में नहीं रहना चाहते वहां के लोग, अंबेडकरनगर में बोले सीएम योगी, पीएम मोदी को बताया संकटमोचक