Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा दिले से एक अनोखी खबर सामने आई है। यहां पांच किन्नरों ने अपने गुरु से शादी की है। इस अनोखे शादी समारोह में किन्नरों द्वारा सभी रस्मों और रीति-रिवाजों को निभाया पूरी तरह से निभाया गया है। बताया गया है कि भारत में किन्नरों द्वारा होने वाले ये आयोजन समय-समय पर होता रहता है।
परिवार का सुख देना है इस रस्म का मकसद
जानकारी के मुताबिक किन्नर समुदाय के लोगों को एक समिति यानी समूह से जोड़ा जाता है, जो गुरु-चेला प्रथा पर चलती है। यह एक रिश्तेदारी प्रथा भी है, जो किन्नरों को एक परिवार देती है। बताया जाता है कि इस समूह में किन्नर कुछ खास रीति-रिवाजों को सीखते हैं। इसमें एक पद प्रधान स्तर यानी गुरु का होता है।
शादी से पहले हुए धार्मिक अनुष्ठान
छत्तीससगढ़ में हुए विवाह समारोह से पहले एक कलश यात्रा भी शुरू की गई थी, जो 2 अप्रैल से शुरू होकर 4 अप्रैल को संपन्न हुई। ज्योति और माही सागर उन पांच 'किन्नरों' में से हैं, जिन्होंने अपने गुरुओं से शादी की थी। दुल्हनों को विवाहित महिलाओं की तरह तैयार किया गया और पारंपरिक रीति-रिवाजों के तहत उन्होंने अपने गुरु के नाम पर सिंदूर लगाया गया।
हल्दी-मेंहदी की रस्में भी हुईं
इस मौके पर समाज की दिव्य बहूचर माताओं और सभी बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया। ज्योति ने बताया कि हम हिंदू परंपराओं के अनुसार अपने गुरुओं से शादी करते हैं। सबसे पहले हम अपनी देवी की पूजा करते हैं और फिर रस्में शुरू होती हैं। रस्मों में हल्दी और मेंहदी लगाना भी शामिल है।
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