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एक्सीडेंट में छलनी हुआ सीना, डॉक्टरों ने किया ऐसा चमत्कार, आसान हो गया जीना

Miracle News: एक भीषण हादसे ने 58 साल के शख्स की जिंदगी को लगभग खत्म ही कर दिया था, लेकिन धरती के भगवान यानी डॉक्टरों ने कुछ ऐसा चमत्कार कर दिखाया कि वो दोबारा जीने लगा। आपको भी हैरानी होनी कि डॉक्टरों ने शख्स को टाइटेनियम प्लेटों का इस्तेमाल करके पांच आर्टिफिशियल पसलियां डाली हैं। […]

Miracle News: एक भीषण हादसे ने 58 साल के शख्स की जिंदगी को लगभग खत्म ही कर दिया था, लेकिन धरती के भगवान यानी डॉक्टरों ने कुछ ऐसा चमत्कार कर दिखाया कि वो दोबारा जीने लगा। आपको भी हैरानी होनी कि डॉक्टरों ने शख्स को टाइटेनियम प्लेटों का इस्तेमाल करके पांच आर्टिफिशियल पसलियां डाली हैं।

हादसे में टूटी थीं पांच पसलियां

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार ये मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर का है। यहां एक शख्स गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गया। हादसे में उसकी पसलियां पूरी तरह से टूट गईं। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सरकार की ओर से संचालित एडवांस्ड कार्डियक सेंटर के सर्जन डॉ. कृष्ण कांत साहू ने मीडिया को बताया कि मरीज को टूटी हुई पसलियों को ठीक करने के लिए पांच लंबी टाइटेनियम रिब प्लेटें डाली गई हैं। इसके अलावा हादसे में फेफड़ों को भी बुरी तरह से नुकसान हुआ था, जिसकी मरम्मत के लिए सर्जरी की गई और चार यूनिट ब्लड लगा।

लगातार गिर रहा था ऑक्सीजन लेबल

उन्होंने बताया कि आठ दिन पहले राजिम के रहने वाले 58 वर्षीय शिक्षक को सड़क हादसे में गंभीर चोटें आईं, जिससे उनका सीना बुरी तरह घायल हो गया। उन्हें शुरुआती इलाज के लिए गरियाबंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें राजधानी रायपुर के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट में शिफ्ट किया गया, क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेबल लगातार गिर रहा था। उनकी छाती की स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया था, क्योंकि उनकी कई पसलियों के फ्रैक्चर था।

ऑपरेशन के पांच दिन घर पहुंचा शख्स

डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद ऑक्सीजन लेबल को जाना। इसके बाद सर्जरी करने का फैसला लिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की दाहिनी ओर की सात पसलियां टूट गई थीं, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अब सर्जरी के पांच दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई और अब वह पूरी तरह से ठीक हैं। मरीज की सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. निशांत सिंह चंदेल, डॉ. अजीत, जूनियर रेजिडेंट डॉ. संजय त्रिपाठी, एनेस्थेटिस्ट डॉ. मनिंदर कौर, तकनीशियन भूपेन्द्र कुमार, हरीश चंद्र और नर्सिंग स्टाफ के सदस्य राजेंद्र, नरेंद्र, मुनेश, चौवाराम, किरन, प्रियंका कुसुम, और तेजेन्द्र शामिल थे। देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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