रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर जिले के जगदलपुर स्थित सिरहासार भवन में आयोजित ‘बस्तर गोंचा महापर्व’ और भगवान श्री जगन्नाथ की आरती एवं 56 भोग कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भगवान जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की और सभी को गोंचा महापर्व की शुभकामनाएं दीं। गौरतलब है कि बस्तर में यह महापर्व 04 जून से 28 जून 2023 तक आयोजित हो रहा है।
बस्तर का दशहरा और गोंचा पर्व बहुत ही अनूठा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोंचा पर्व के मौके पर सम्बोधित करते हुए कहा कि गोंचा पर्व छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाला महापर्व है। बस्तर का दशहरा और गोंचा पर्व बहुत ही अनूठा है, जो विभिन्न संस्कृतियों के संगम का अनुपम उदाहरण है और इन पर्वों से बस्तर और छत्तीसगढ़ को जाना जाता है। उन्होंने कहा कि बस्तर का बहुत समृद्ध इतिहास है और यहां की संस्कृति की छटा बड़ी ही निराली है। बस्तर को, और बस्तर की संस्कृति को तभी अच्छी तरह समझा जा सकता है, जब बस्तर के साथ-साथ जिया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर आकर ही यहां की संस्कृति को समझा जा सकता है और इसका आनंद लिया जा सकता है। गोंचा पर्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बस्तर के हजारों रंगों में से एक रंग गोंचा-महापर्व का भी है। यह आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही, यह बस्तर के सांस्कृतिक विकास को जानने-समझने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
‘ये स्थान हमारे मूल्यों से जुड़े हुए हैं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोंचा महापर्व का इतिहास 616 वर्षों से भी पुराना है। यह 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के बस्तर आने के इतिहास से जुड़ा हुआ है। ओडिशा का गुड़िंचा पर्व बस्तर में आकर गोंचा पर्व हो गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे देव, हमारी देवगुड़ियां, हमारी मातागुड़ियां केवल आध्यात्मिक महत्व के स्थान नहीं है। ये स्थान हमारे मूल्यों से जुड़े हुए हैं। इसीलिए हमारी सरकार इन स्थानों को सहेजने और संवारने का काम कर रही है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के माध्यम से हम उत्तर से लेकर दक्षिण तक भगवान राम के वनवास से जुड़े स्थलों को चिन्हित करके उन्हें पर्यटन तीर्थों के रूप में विकसित कर रहे हैं।
कौन-कौन हुए शामिल?
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफीरा साहू, नगर निगम सभापति कविता साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण, 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य, गोंचा आयोजन समिति के सदस्य सहित नागरिकगण उपस्थित थे।