Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पुलिस ने एक ग्राम पंचायत के सरपंच और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, पिछले महीने लापता आरटीआई कार्यकर्ता (RTI Activist) का जला हुआ कंकाल जंगल में मिला है। पुलिस ने RTI कार्यकर्ता के हत्या के आरोप में सरपंच समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
RTI कार्यकर्ता विवेक चौबे स्थानीय पत्रकार के रूप में भी काम करते थे। विवेक 12 नवंबर को लापता हो गए और घर नहीं लौटे। इसके बाद, उनके परिवार के सदस्यों ने 16 नवंबर को कबीरधाम जिले के स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी दर्ज कराई और एक जांच शुरू की गई।
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41 दिनों से लापता थे विवेक चौबे
पुलिस ने कहा कि विवेक चौबे पिछले 41 दिनों से लापता थे। पुलिस अधिकारियों को एक गुप्त सूचना मिली और उन्होंने कुंडापानी के पास जंगल में पूरी तरह से जले हुए कंकाल के अवशेष बरामद किए। एक फोरेंसिक जांच से पता चला कि जले हुए कंकाल विवेक चौबे के थे। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह ने इसकी पुष्टि की।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि विवेक चौबे का फोन उनके गांव के पास ट्रेस किया गया था और उन्हें आखिरी बार सरपंच अमित यादव से मिलने के लिए कुंदापानी गांव जाते देखा गया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान सरपंच और उसके तीन साथियों ने हत्या करने की बात कबूल की, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
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विवाद के बाद डंडे से वार कर हत्या कर दी
एसपी के मुताबिक, आरोपी सरपंच ने पूछताछ में बताया कि विवेक चौबे 12 नवंबर की देर रात तक उसके साथ था। उनके बीच एक वित्तीय विवाद को लेकर बहस छिड़ गई। दोनों के बीच बहस हुई जिसके बाद सरपंच ने RTI कार्यकर्ता के सिर पर डंडे से वार कर उसे मौत घाट उतार दिया।
एसपी सिंह ने कहा, " वारदात के बाद चारों आरोपी शव को जंगल में ले गए और उसे जला दिया। उन्होंने पीड़ित की मोटरसाइकिल को भी तीन हिस्सों में तोड़ दिया और उसे जंगल में दफना दिया और उसका मोबाइल फोन अपने पास रख लिया।"
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अलग-अलग जगहों से कॉल कर पुलिस को किया गुमराह
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने चौबे के फोन से अलग-अलग जगहों से कॉल करके पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, ताकि यह लगे कि वह जीवित है।
आरोपियों ने अपराध छिपाने के लिए विवेक चौबे की मोटरसाइकिल को भी दफना दिया। पुलिस अधिकारियों ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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