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मां दंतेश्वरी को पहला श्रृंगार जोड़ा चढ़ाते हैं किन्नर, आधी रात को निकलती है यात्रा

Bastar Maa Danteshwari Temple: नवरात्रि के पहले दिन देवी की पहली पूजा किन्नर समाज के द्वारा किए जाने की परंपरा लंबे समय से चले आ रही है।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 15, 2023 13:16
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आशुतोष तिवारी, बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। रविवार सुबह से ही सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं, बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में सुबह से ही लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बता दें कि मां दंतेश्वरी की पहली पूजा किन्नर समाज के द्वारा किए जाने की परंपरा है।

लंबे समय से चली आ रही परंपरा

बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन देवी की पहली पूजा किन्नर समाज के द्वारा किए जाने की परंपरा बस्तर में लंबे समय से चले आ रही है। बकायदा शनिवार और रविवार के आधी रात किन्नर समाज के द्वारा शहर में श्रृंगार यात्रा निकाली जाती है और देर रात बग्गी में सवार साज श्रृंगार किए किन्नरों के द्वारा आधी रात में श्रृंगार यात्रा निकालकर देवी भजन के धुन पर दंतेश्वरी मंदिर पहुंचते हैं और सुबह के करीब 4 बजे जैसे ही मां दंतेश्वरी का दरबार खुलता है, वैसे ही पहला दर्शन किन्नरों के द्वारा किया जाता है, जिसके बाद माता को पहली चुनरी और श्रृंगार किन्नर समाज के लोगों द्वारा चढ़ाई जाती है।

श्रृंगार यात्रा में पड़ोसी राज्य से भी शामिल होते हैं किन्नर

दरअसल, हर साल नवरात्रि के शुरू होने से पहले देर रात किन्नर समाज ही मां दंतेश्वरी को पहली चुनरी चढ़ाते हैं। इस दौरान किन्नर समाज के सभी लोग नाच-गाने के साथ मां की भक्ति में सराबोर हो जाते हैं। किन्नर समाज की अध्यक्ष रिया परिहार ने बताया कि हर साल किन्नरों के श्रृंगार यात्रा में जगदलपुर के अलावा पड़ोसी राज्य उड़ीसा से भी किन्नर भव्य यात्रा में शामिल होने के लिए बस्तर पहुंचते हैं और नवरात्रि के पहले दिन हर साल किन्नरों द्वारा श्रृंगार यात्रा निकाली जाती है और इसमें बस्तर वासियों का भी समर्थन मिलता है।

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किन्नरों के द्वारा ही किया जाता है पहला दर्शन

अध्यक्ष रिया का कहना है कि मां दंतेश्वरी के प्रति किन्नरों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है और यही वजह है कि हर साल नवरात्रि के पहले दिन चुनरी और श्रृंगार का समान किन्नरों के द्वारा ही माता को चढ़ाया जाता है। किन्नरों ने कहा कि वह भी समाज का एक प्रमुख अंग हैं और इस पूजा के पीछे उनका उद्देश्य होता है कि सभी व्यापारियों व बस्तरवासियों पर किसी तरह की कोई समस्या ना आए तथा किसी की भी गोद खाली ना रहे, इसलिए मां दंतेश्वरी से वे प्रार्थना करने पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दंतेश्वरी का प्रथम दर्शन किन्नरों के द्वारा ही किया जाता है।

 

First published on: Oct 15, 2023 01:16 PM

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