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भारत माला प्रोजेक्ट घोटाले में अब ED की एंट्री, जमीन दलालों से लेकर वरिष्ठ अफसरों की बढ़ेंगी मुश्किलें

Bharat Mala Scam: भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले में अब ED की एंट्री हो गई है। ED ने भारतमाला घोटाले में दर्ज एफआईआर और जांच रिपोर्ट मांगी है। जांच रिपोर्ट में 11 से ज्यादा आरोपियों के नाम हैं। भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला 43 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। 

सांकेतिक तस्वीर।
शिवम मिश्रा, रायपुर। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना घोटाले की भेंट चढ़ गई है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली फोरलेन सड़क परियोजना में 43 करोड़ रुपये के जमीन अधिग्रहण घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी शुरू कर दी है। ED ने इस मामले में दर्ज एफआईआर और जांच रिपोर्ट की प्रतियां तलब की हैं, जिससे अब जांच की रफ्तार और तेज हो गई है।

घोटाले में 11 से ज्यादा आरोपियों के नाम

भारतमाला घोटाले की जांच में अब तक 11 से ज्यादा आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं। जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन, उमा देवी और केदार तिवारी को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल थे।

वरिष्ठ अफसरों पर भी आरोप

FIR में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण और आऱआई रोशन वर्मा के नाम शामिल हैं। इनके अलावा पटवारी दिनेश पटेल, जितेंद्र साहू, लेखराम देवांगन और बसंती धृतलहरे पर भी इस घोटाले की साजिश रचने का आरोप है। इस घोटाले में जल संसाधन विभाग के दीपक देव, नरेंद्र नायक और जीआर वर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। वहीं, कोटवार यशवंत कुमार और कारोबारी विनय गांधी पर कथित तौर पर मुआवजा राशि को बढ़ाने के लिए दस्तावेजों में गड़बड़ी करने का आरोप। जिला पंचायत के कुछ सदस्य भी अब ईओडब्ल्यू (EOW) की जांच के दायरे में हैं। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ जमीन मालिकों ने जानबूझकर दलालों के साथ मिलकर षड्यंत्र किया और गलत दस्तावेजों के जरिए मुआवजा बढ़वाया। इन लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।

कैसे हुआ घोटाला?

भारतमाला घोटाला अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अफसरों के साथ मिलकर एक ही जमीन को छोटे टुकड़ों में बांटा और 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। 559 मीटर जमीन की कीमत 29.5 करोड़ से बढ़ाकर 78 करोड़ रुपये दिखा दी गई। NHAI ने जब आपत्ति जताई, तब मामला उजागर हुआ। अभी तक 246 करोड़ का भुगतान हो चुका है, जबकि 78 करोड़ की राशि रोकी गई है।

 EOW और ACB ने की बड़ी कार्रवाई

भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में बुधवार (30 अप्रैल) को एसीबी और ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की थी। सीबी और ईओडब्ल्यू ने तेलीबांधा स्थित दशमेश डेवलपर्स के ऑफिस में टीम ने छापेमारी की थी। दशमेश इन्स्टा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में भावना कुर्रे और हरमीत सिंह खनूजा डायरेक्टर हैं। भावना अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं। जबकि 26 अप्रैल को कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने हरमीत सिंह खनूजा को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ की जा रही है। खनूजा से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई थी।


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