रायपुर: देश के पांच राज्यों में चल रही विधानसभा चुनाव संबंधी प्रक्रिया के बीच मंगलवार को छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। राज्य की 90 में से 20 विधानसभा सीटों पर आज 70.87% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। हालांकि मतदान प्रक्रिया के दौरान सुकमा और कांकेर जिलों में हिंसक घटनाएं भी सामने आई। सुकमा में मिनपा के पास नक्सली मुठभेड़ में 3 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं, वहीं कांकेर के बांदे थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों और BSF के बीच टकराव हुआ है। यहां नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आने से पोलिंग स्टाफ के दो सदस्यों समेत 3 लोग जख्मी हो गए।
बस्तर संभाग की 12 और दुर्ग संभाग की 8 सीटों पर हुआ मतदान
बता दें कि राज्य में चुनाव आयोग की तरफ से दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान कराने का ऐलान किया हुआ है। मंगलवार को पहले चरण में कुल 90 में से 20 विधानसभा सीटों (बस्तर संभाग की सभी 12 और दुर्ग संभाग की 8) पर सुबह आठ बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई थी। शाम पांच बजे तक सुकमा और कांकेर जिलों में हिंसा की दो नक्सली घटनाओं के साथ 70.87% लोगों ने वोट डालकर इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के और निर्दलीय मिलाकर 232 उम्मीदवारों का भविष्य वोटिंग मशीन में बंद कर दिया, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को घोषित होना है।
<
>
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में वोटिंग से मतदाताओं को रोक रहे नक्सली, जंगल में CRPF के जवानों से हुई मुठभेड़
सात जिलों में 3 बजे तो चार जिलों में पांच बजे निपटा मतदान
चुनाव आयोग की तरफ से मतदान प्रक्रिया में किसी भी तरह के व्यवधान से निपटने के लिए 60 हजार सुरक्षाकर्मी राज्य के संवेदनशील क्षेत्र बस्तर में तैनात किया गया, जिसमें 12 विधानसभा हलकों के 600 से ज्यादा पोलिंग बूथ नक्सल प्रभावित संभाग में आते हैं। इसी कड़ी सुरक्षा के बीच सुकमा, कांकेर और मोहला-मानपुर समेत सात जिलों की 10 सीटों अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा सीटों की मतदान प्रक्रिया दोपहर करीब 3 बजे संपन्न हो गई थी। इनके अलवा चार जिलों की 10 सीटों खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, पंडरिया, कवर्धा बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट के इलाकों में शाम पांच बजे तक लोगों को मतदान केंद्रों पर कतार में लगे देखा गया। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा मतदान कोंडागांव हलके में हुआ है, जबकि बीजापुर हलके में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा।
<
>
उधर, हालिया सत्ता और चुनावी मुद्दों की बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव में 15 साल तक विपक्षी में रहने के बाद 68 सीटें जीतकर कांग्रेस सत्ता पर है, वहीं भारतीय जनता पार्टी 18 सीटों पर ही सिमट गई थी। इस बार सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने चुनाव अभियान के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके द्वारा राज्य में किए गए काम को चुना है। दूसरी ओर भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्रीय योजनाओं के बूते वोटर्स को लुभाने की कोशिश में है। बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन सट्टा ऐप महादेव बुक घोटाले के साथ कथित संबंध को लेकर सीएम बघेल पर निशाना साधा, वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर राजनैतिक विरोधियों पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। बहरहाल, सबकी नजरें 17 नवंबर को दूसरे में होने वाले 70 सीटों के मतदान और फिर 3 दिसंबर की मतगणना पर टिकी हुई हैं।
यह भी पढ़ें: महादेव ऐप मामले को लेकर CM बघेल पर बरसे पीएम मोदी, कहा-नहीं रहना चाहिए सीएम की कुर्सी पर
वोटिंग के बीच सीएम ने कही थी नक्सलियों के पीछे हटने की बात
<
>
उधर, मतदान प्रक्रिया के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के लोगों से मतदान की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा आम जनता के साथ खड़ी रही है। कांग्रेस के कामों से नकस्लवाद पीछे हट चुका है। पहले पोलिंग बूथ सड़क किनारे होते थे, लेकिन अब अंदर के गांवों में भी लोग अपने अधिकार का उपभोग कर सकेंगे। फिर से कर्जमाफी का वादा करते हुए उन्होंने कहा, 'आज प्रथम चरण का मतदान है. सबसे अपील है कि मतदान अवश्य करें'।
कवर्धा में वोट डालने के बाद पूर्व सीएम बोले-भ्रष्टाचार पर लड़ रहे चुनाव
<
>
दूसरी ओर कवर्धा में वोट डालने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ में चुनाव भूपेश सरकार के पांच साल के भ्रष्टाचार, झूठे वादों और विकास को रोकने के मुद्दों पर लड़ा जा रहा है’। इसी के साथ उन्होंने दोनों चरणों का मतदान अच्छा रहने और भाजपा द्वारा बहुमत से सरकार बनाने का दावा भी किया।