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Chhattisgarh: सावधान! खुद को मंत्री का पीए बताकर दिया ठगी को अंजाम, जानिए पूरा मामला

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में धोखाधड़ी का अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति खुद को मंत्री का पीए बता ठगी को अंजाम दिया। आरोपी निजी वाहन में शासकीय वाहन का नम्बर लगा कर लोगों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करता था। मामला रघुनाथनगर थाने का बताया जा रहा है। फिलहाल, आरोपी […]

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में धोखाधड़ी का अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति खुद को मंत्री का पीए बता ठगी को अंजाम दिया। आरोपी निजी वाहन में शासकीय वाहन का नम्बर लगा कर लोगों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करता था। मामला रघुनाथनगर थाने का बताया जा रहा है। फिलहाल, आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है।
शासकीय कार्य स्वीकृत करने के नाम पर करता था ठगी
दरअसल, एसडीओपी वाड्रफनगर अनिल विश्वकर्मा ने पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि रघुनाथनगर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा शासकीय वाहन में घूम कर लोगों को शासकीय कार्य स्वीकृत करने के नाम पर ठगी करने की शिकायत मिली थी। इस पर रघुनाथनगर पुलिस वहां पहुंची और उस व्यक्ति से पूछताछ की गई।
खुद को बताया नेता का पीए
बताया जा रहा है कि आरोपी ने पुलिस को भी छत्तीसगढ़ कैबिनेट के कद्दावर का पीए होना बताया और निजी वाहन पर शासकीय वाहन नम्बर पुलिस को तहकीकात करने के लिए मजबूर कर दिया। पुलिस ने मंत्री के यहां सम्पर्क कर उक्त व्यक्ति के बारे में पतासाजी की तो पता चला कि उस नाम का व्यक्ति वहां कार्यरत नहीं है। इसके साथ ही परिवहन विभाग से वाहन नंबर की जांच की गई तो पता चला कि वाहन नम्बर अन्य शासकीय वाहन का है। वहीं पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि उसके पास एक और कार है जिसका उपयोग वह करता है जो अंबिकापुर जिला मुख्यालय में खड़ी है। इसके बाद पुलिस ने उक्त इंडिका कर अपने कब्जे में लिया है। पुलिस ने बताया कि जप्त की गई दूसरी कर का गाड़ी नंबर फर्जी तरीके से लगाकर आरोपी के द्वारा उपयोग किया जाता रहा है। कुल आरोपी के कब्जे से दो कार जब्त की गई है। दूसरी कार टाटा हिंदी का क्रमांक सीजी 02 5405 है। पुलिस अपनी जांच के दायरे को आगे बढ़ाया जिसमें उन्होंने पाया कि थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति से सीसी रोड की स्वीकृति दिलाने के नाम पर पच्चीस हजार रुपये लिये गये थे। इस पर शशिकांत तिवारी को हिरासत में लिया। इसके अलावा पूछताछ में यह भी पता चला कि शशिकांत तिवारी का बड़ा भाई भी फर्जी पुलिस अधिकारी बनने के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़ा था। वहीं आरोपी शशीकांत तिवारी को न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।


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