जयपुर: राजस्थान से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने कथित तौर पर ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन नहीं करने, औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित पानी डिस्चार्ज का प्रबंधन नहीं करने, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए राजस्थान पर 3,000 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है।
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बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जयपुर, नीमराना, भिवाड़ी, अलवर, भीलवाड़ा, पाली सहित आधा दर्जन जिलों की सीमेंट या अन्य फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी से नदियों में हो रहे प्रदूषण के चलते लगाया गया है। इसके अलावा राजस्थान के कई शहरों से निकलने वाले ठोस कचरे का भी सही से निस्तारण होने पर यह जुर्माना लगाया है।
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एनजीटी ने कहा, “पर्यावरण को नुकसान को ध्यान में रखते हुए हम मानते हैं कि जल्द से जल्द अनुपालन सुनिश्चित करने के अलावा राज्य द्वारा पिछले उल्लंघनों के लिए मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए।” उसने कहा, “दो मदों (ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन) के तहत मुआवजे की अंतिम राशि 3000 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसे राजस्थान राज्य द्वारा दो महीने के भीतर अलग खाते में जमा कराया जा सकता है।” एनजीटी ने स्पष्ट किया कि यदि उल्लंघन जारी रहता है तो अतिरिक्त मुआवजा वसूलने पर विचार किया जा सकता है।
(www.madisonavenuemalls.com)