राजस्थान सरकार के कामकाज से हम सभी दुखी हैं, ये सरकार विकास नहीं कर सकती है: अमित शाह
जोधपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आज जिस प्रकार की राजस्थान में सरकार चल रही है, उससे हम सभी दुखी हैं। राजस्थान में चल रही सरकार ने प्रदेश को विकास में सबसे पीछे ले जाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अभी देश में कांग्रेस की दो सरकारें है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों का चुनाव 2023 में है। इन दोनों राज्यों में अगर भाजपा सरकार बनती है तो कांग्रेस के पास कुछ नहीं बचेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जोधपुर में बूथ अध्यक्ष संकल्प महासम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अभी-अभी राहुल बाबा, भारत जोड़ो यात्रा लेकर निकले हैं। राहुल बाबा विदेशी टी-शर्ट पहनकर भारत जोड़ने निकले हैं। मैं राहुल बाबा और कांग्रेसियों उनका संसद एक भाषण याद दिलाता हूं। राहुल बाबा ने कहा था कि भारत राष्ट्र है ही नहीं। अरे राहुल बाबा, किस किताब में पढ़े हो आप? ये तो वो राष्ट्र है जिसके लिए लाखों, लाख लोगों ने प्राणों की आहुति दे दी।
अमित शाह ने कांग्रेस से पूछे कई सवाल
अमित शाह ने पूछा कि 10 दिन के अंदर किसानों का ऋण माफ करने का क्या हुआ? युवाओं को 3,500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का क्या हुआ? 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का क्या हुआ? कांग्रेस सिर्फ खोखले वादे कर सकती है, वादों को पूरा नहीं कर सकती है। कांग्रेस सरकार विकास का काम नहीं कर सकती है। रोड़ नहीं बना सकती, बिजली नहीं दे सकती, रोजगार नहीं दे सकती है। कांग्रेस कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की, तुष्टिकरण कर राजनीति कर सकती है।
अमित शाह ने कहा कि गहलोत साहब, मैं आपके वादे याद कराने आया हूं। 2018 में राहुल बाबा के साथ आपने जो फर्जी के वादे किए थे, उन वादों के पांच वर्ष होने वाले हैं। भाजपा उन वादों का हिसाब मांगने आई है।
अमित शाह ने कहा कि राजस्थान में तनोट मां के तीर्थ स्थान को पीएम मोदी ने 19 करोड़ रुपये खर्च करके एक बड़ा यात्रा धाम बनाने का निर्णय किया है। तनोट मां ने 1965-71 के युद्ध में हमारी पश्चिमी सीमाओं को सुरक्षित किया था।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी बीजेपी
बता दें कि राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अपनी तैयारियों में जुट गई है। जोधपुर में संबोधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बैठक भी करेंगे, जिसमें 25 हजार से अधिक बूथ कार्यकर्ता शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी के ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करना है।
भाजपा राज्य के पश्चिमी हिस्से में भी अपनी ताकत मापना चाहती है। ओबीसी माली समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अशोक गहलोत की पश्चिमी राजस्थान में अच्छी खासी मौजूदगी है। बता दें कि अमित शाह शुक्रवार शाम राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर जैसलमेर पहुंचे। गृह मंत्री ने दाबला (जैसलमेर) में दक्षिण सेक्टर मुख्यालय में बीएसएफ अधिकारियों के साथ बातचीत की और रात बीएसएफ अधिकारी संस्थान में बिताई।
ओबीसी वोट बैंक को साधने में जुटी है भाजपा
जोधपुर को राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र का गढ़ माना जाता है और यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है। शाह ने ओबीसी मोर्चा को संबोधित करते हुए 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में पार्टी के ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। ओबीसी राजस्थान की आबादी का 52 प्रतिशत है। इनमें से 11 फीसदी जाट हैं। राज्य की 150 सीटों पर इस समुदाय का प्रभाव है। अभी तक राजस्थान में ओबीसी के 55 विधायक हैं, जिनमें 43 जाट हैं।
इसके अलावा, राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 33 जोधपुर संभाग में हैं, जिनमें 10 जोधपुर जिले में हैं। इनमें से भाजपा के पास फिलहाल 14, कांग्रेस के पास 17, जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और निर्दलीय के पास एक-एक सीट है।
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