बिहार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पटना एयरपोर्ट परिसर में खुद को CBI अधिकारी बताकर यात्रियों से ठगी करने वाले दो फर्जी अफसरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों अपनी बाइक पर केंद्रीय खुफिया ब्यूरो (CBI) का स्टिकर लगाकर घूम रहे थे। शक होने पर पुलिस ने रोका, और शुरुआती पूछताछ में ही दोनों की पोल खुल गई।
विभाग की SDPO सचिवालय डॉ. अनु कुमारी की तफ्तीश में मामला गहराया तो एक बड़े ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हिमांशु कुमार और सत्यानंद कुमार के रूप में हुई है।
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पूछताछ में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपी लगभग डेढ़ साल पहले पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान निवासी शोहेल मिर्ज़ा के संपर्क में आए थे। मिर्ज़ा इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। गैंग में नंबर दो की भूमिका निभाता है सोनपुर का सैयद खालिद अहमद, जिसने बिहार में नेटवर्क फैलाने का जिम्मा संभाला था।
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स्टेट डायरेक्टर जैसी फर्जी पोस्ट देकर अपने ऑपरेशन में शामिल किया था। फोन पर बाकायदा “ऑपरेशन ब्रीफिंग” दी जाती थी- किसे टारगेट करना है, कैसे डराना है, कितने पैसे निकलवाने हैं। पूरी प्लानिंग ऐसे की जाती जैसे कोई असली स्पेशल ऑपरेशन चल रहा हो। CBI जैसी वर्दी, आईडी और स्टाइल गैंग का तरीका बेहद खतरनाक था। हूबहू CBI जैसी फर्जी आईडी वर्दी और स्टाइल. इनका काम था डर दिखाकर पैसे ऐंठना और फर्जी छापेमारी की धमकी देकर लोगों को जाल में फंसाना। गैंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में सक्रिय था। कई टास्क पश्चिम बंगाल से भी दिए जाते थे।
छापेमारी में पुलिस ने आरोपियों से फर्जी आईडी नकली दस्तावेज़ कई मोबाइल नंबर बरामद किए हैं। पूछताछ में इन्होंने अपने तीन अन्य साथियों शोहेल मिर्जा, सैयद खालिद अहमद, और डीके वर्मा के नाम और नंबर भी पुलिस को दे दिए हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए अब स्पेशल टीम गठित कर दी गई है।
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