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समस्तीपुर में मंत्रियों के बच्चे आमने-सामने, चुनावी जंग हुई रोचक, जानें कौन-कौन हैं मैदान में?

Shambhavi Chaudhary Vs Sunny Hazari : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं। बिहार की समस्तीपुर सीट पर मंत्रियों के बच्चे आमने-सामने हैं, जिससे चुनावी जंग रोचक हो गई है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन हैं चुनावी मैदान में?

समस्तीपुर सीट पर दिलचस्प हुआ चुनाव।
Bihar Lok Sabha Election (सौरभ कुमार) : देश में लोकतंत्र का सबसे बड़ा महापर्व लोकसभा चुनाव चल रहा है। राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नेता और उम्मीदवार कड़ी धूप में रैली और जनसभा कर रहे हैं। बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे। यहां से दो मंत्रियों के बेटा-बेटी आमने-सामने हैं। सबसे बड़ी बात है कि दोनों मंत्री एक ही पार्टी जेडीयू से नीतीश कैबिनेट में मंत्री हैं। अब उनके बच्चे अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। लोजपा से शांभवी चौधरी तो कांग्रेस से सन्नी हजारी मैदान में हैं। चिराग पासवान ने समस्तीपुर से सीएम नीतीश कुमार के बेहद खास और मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दिया है। पिता अशोक चौधरी ने शांभवी को जीत दिलाने की पूरी जिम्मेदार उठा रखी है। वे लगातार समस्तीपुर में कैंप करके अपनी बेटी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। शांभवी मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल की बहू हैं। किशोर कुणाल के बेटे श्याम कुणाल भी अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं। यह भी पढ़ें : बिहार की इस सीट पर मुख्यमंत्री बनाम एक्ट्रेस से दिलचस्प हुआ चुनाव, देखें कौन-कौन मैदान में? महागठबंधन ने नीतीश सरकार के मंत्री के बेटे को बनाया उम्मीदवार इंडिया महागठबंधन ने नीतीश मंत्रिमंडल में सूचना जनसंपर्क मंत्री और दलित नेता महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी को उम्मीदवार बनाया है। सन्नी हजारी समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं। जाहिर है कि दोनों उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से जदयू में हलचल काफी तेज है और मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है। स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा गरमाया सन्नी हजारी के मैदान में आने के बाद समस्तीपुर में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा गरमा गया है। सन्नी खुद को समस्तीपुर का बेटा और शांभवी को बाहरी बता रहे हैं। इस वक्त धर्म संकट में महेश्वर हजारी हैं। वे महागठबंधन के उम्मीदवार होने की वजह से बेटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। इसे लेकर महेश्वर हजारी का कहना है कि मैं मैं जदयू के साथ हूं और फिलहाल मधेपुरा का प्रभारी हूं। रही बात मेरे बेटे की तो वह इंजीनियर एवं प्रखंड प्रमुख है और अपनी राजनीति अपने दम पर करता है। उसके साथ हजारी सरनेम लगा हुआ है, जिसने समस्तीपुर की काफी सेवा की है। इस सीट पर एनडीए का दबदबा बिहार का समस्तीपुर जिला कृषि और उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय है, जिसकी गिनती देश की नामी कृषि यूनिवर्सिटी में होती है। कभी समस्तीपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ चुनावों से इस सीट पर एनडीए का कब्जा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के सहयोगी दल लोजपा के टिकट पर रामचंद्र पासवान चुनाव लड़े थे और लगातार दूसरी जीत हासिल की थी। 6 विधानसभा सीटें मिलकर बनीं समस्तीपुर लोकसभा सीट समस्तीपुर लोकसभा सीट पहले सामान्य सीट थी, लेकिन 2009 के परिसीमन के बाद यह सीट एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो गई। इस सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें समस्तीपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर, रोसड़ा, कुशेश्वर स्थान और हायाघाट हैं। कुशेश्वर स्थान और हायाघाट दरभंगा जिले का हिस्सा है। यह भी पढ़ें : ‘मेरी मां का मंगलसूत्र देश को कुर्बान हुआ’, पीएम मोदी के बयान पर प्रियंका गांधी का जवाब क्या है जातीय समीकरण समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति के लोग अधिक हैं। अनुसचित जाति की आबादी भी अधिक है। सामान्य और ओबीसी समुदाय के वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। यहां के मुस्लिम वोटर्स की संख्या काफी है।


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