Bihar political and administrative conflict: बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले की तैयारी में थे, लेकिन सियासी और प्रशासनिक स्तर पर टकराव सामने आ गया है. दरअसल, हाल ही में दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारियों को प्रोन्नति दी गई थी. इनमें 22 एसपी स्तर के आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी और 8 डीआईजी को आईजी रैंक में प्रमोशन मिला है. इसके अलावा एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन को डीजी रैंक में प्रोन्नति दी गई है.
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एक अस्थायी और आधा-अधूरा समाधान
फिलहाल कुंदन कृष्णन एडीजी हेडक्वार्टर के साथ-साथ एडीजी एसटीएफ का भी प्रभार संभाल रहे हैं. प्रमोशन के बाद इन अधिकारियों को प्रोन्नत पदों पर नई तैनाती दी जानी थी. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने तबादले की एक सूची तैयार कर गृह विभाग को भेजी थी. बीते चार दिनों से यह फाइल कभी गृह मंत्री के पास तो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय में विचाराधीन रही. प्रशासनिक सूत्रों का मानना है कि यह फैसला एक अस्थायी और आधा-अधूरा समाधान है. न तो तबादलों पर अंतिम मुहर लग सकी और न ही नई तैनाती को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाई.
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चार दिन की सरगर्मी, लेकिन फैसला चौंकाने वाला
तबादलों को लेकर प्रशासनिक हलकों में लगातार सरगर्मी बनी हुई थी. माना जा रहा था कि कभी भी बड़ी तबादला सूची जारी हो सकती है. लेकिन बुधवार को गृह विभाग से जो आदेश जारी हुआ, उसने सभी को चौंका दिया. आदेश के अनुसार सभी अधिकारियों को प्रोन्नति तो दे दी गई, लेकिन उनकी मौजूदा पदस्थापना को ही अपग्रेड कर दिया गया. यानी अधिकारियों को पद तो नया मिला, लेकिन कुर्सी वही पुरानी रही. यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी.
सूची में बदलाव बना टकराव की वजह
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री कार्यालय से भेजी गई तबादला सूची में बाद के स्तर पर काफी बदलाव किए गए, जिसके चलते सहमति नहीं बन पाई. इसी टकराव के कारण तबादला आदेश जारी होने से पहले ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब सभी की नजर अगले आदेश पर टिकी है कि क्या आईपीएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर कोई अंतिम फैसला होता है या फिलहाल प्रमोशन के साथ पुरानी कुर्सी वाला फार्मूला ही जारी होगा.
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