राज्यपाल की भूमिका बढ़ सकती है
जानकार बताते हैं कि यह तब्दीली ऐसे समय में की गई है जब बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल है। नीतीश कुमार को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। जिस खेला की चर्चा चल रही है यदि वह सही साबित होता है और नीतीश सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो ऐसे में राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति बन जाएगी, जिसका विकल्प राष्ट्रपति शासन भी हो सकता है।
विधानसभा भंग कर सकते हैं नीतीश?
इससे पहले राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने शनिवार को दावा किया था की नीतीश कुमार विधानसभा को भंग कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी को इसकी जानकारी मिली है कि इस बात की संभावना है कि फ्लोर टेस्ट के पहले नीतीश कुमार हार मान लें और विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दें। हालांकि जदयू और भाजपा के नेताओं से इससे इनकार किया है।