Bihar Political Crisis: बिहार में राजनीतिक संकट जारी है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना आवास और दिल्ली बीजेपी के मुख्यालय में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। 28 जनवरी को जदयू नेता नीतीश कुमार के एनडीए के साथ मिलकर एक बार फिर सरकार बनाने और शाम को दोबारा सीएम पद की शपथ लेने की खबरें सामने आई हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव खेमा भी फ्लोर टेस्ट में नीतीश के विधायकों की संख्या कम करने की पूरी जुगत में लगा हुआ है।
चिराग पासवान ने बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात
इस सियासी घमासान के बीच एलजेपी सांसद चिराग पासवान थोड़े निराश लग दिखे। शनिवार को उन्होंने बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान इस मसले पर कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। आइए प्वाइंट में जानते हैं बिहार के इस पूरे राजनीतिक संकट और नीतीश कुमार के सामने खुले सभी मौजूद विकल्प क्या हैं।
13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की बैठक में संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार के नाम पर राहुल गांधी का हस्तक्षेप।
नीतीश कुमार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारतीय विपक्षी गुट को अलविदा कहा।
देश की राजनीति में नीतीश कुमार को 'पलटू राम' नाम से जाना जाता है। वह भाजपा, कांग्रेस और आरजेडी को साथ मिलकर कई बार सरकार बना चुके हैं। अभी हाल ही में लोकसभा 2024 चुनावों के लिए उन्होंने बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी।
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा करने के बाद नीतीश कुमार के फिर बीजेपी के साथ अटकलें लगनी शुरू हुई। घोषणा के बाद जदयू नेता ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट लिखा था।
नीतीश कुमार ने गणतंत्र दिवस पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बिना बिहार के राज्यपाल के आवास का दौरा किया। जिससे जदयू और आरजेडी के बीच की कलह जगजाहिर हो गई।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का बयान बयान, 'राजनीति में कोई दरवाजा बंद नहीं होता'. 'जरूरत पड़ने पर दरवाजा खोला जा सकता है' ने अटकलों पर मुहर लगा दी।
बिहार सरकार ने शुक्रवार को अचानक 79 आईपीएस और 45 बीएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। जिससे स्पष्ट हो गया कि कुछ बड़ा होने वाला है।
भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई है, जिसमें नीतीश कुमार के साथ संभावित गठबंधन का संकेत दिए गए।
बिहार राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस और राजद दोनों ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई। यहां आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 है और बहुमत का आंकड़ा 122 है।
नीतीश कुमार ने 28 जनवरी सुबह 10 बजे विधायक दल का सत्र बुलाया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि इसके बाद वह इस्तीफा देंगे और एनडीए के साथ मिलकर शाम को दोबारा सीएम के तौर पर शपथ लेंगे।