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नकली सोना-असली लोन, बैंक को धोखा देकर लाखों डकारे; 26 पर एफआईआर

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बैंक से जुड़े सोना चेक करने वाले व्यक्ति ने गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों के साथ समझौता कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। जब बैंक ने सोने की जांच कराई, तो वह नकली निकला। इसके बाद धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।

मुजफ्फरपुर न्यूज
बिहार के मुजफ्फरपुर में बैंक का सोना चेक करने वाले सोनार ने ग्राहकों से मिलकर करोड़ों की धोखाधड़ी की, जिसके बाद उसे पकड़ कर भेजा गया। अभी तक कुल 26 मामलों में एफआईआर है। बता दें, मामला सरकारी बैंक से जुड़ा है जिसमें एक बैंक से जुड़े सोना चेक करने वाले व्यक्ति ने गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों के साथ समझौता कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। दरअसल, गोल्ड लोन के नाम पर बैंकों से ठगी करने वाला मास्टरमाइंड खुद बैंक का विश्वसनीय एजेंट है। बता दें, गोल्ड लोन के नाम पर बैंकों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी सोनार भोला प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है। बैंक में गिरवी रखा जाने वाला सोना असली है या नकली, यह चेक करने वाला व्यक्ति भोला प्रसाद नकली आभूषणों को असली बताकर बैंकों से मोटी रकम लोन दिलवाने और फिर रकम लेकर फरार होने की साजिश करता था।

प्रबंधक ने दर्ज कराई थी शिकायत 

भोला प्रसाद मुजफ्फरपुर नगर थाना में पिछले साल दर्ज कांड संख्या-419/24 के अनुसार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, अखाड़ाघाट शाखा के प्रबंधक अखिलेश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। अहलादपुर निवासी राम कुमार ने सोने के आभूषण गिरवी रखकर 1.44 लाख रुपए का लोन लिया था। बैंक की प्रक्रिया के तहत आभूषणों की शुद्धता की जांच के लिए सूचीबद्ध सोनार भोला प्रसाद को जिम्मेदारी दी गई। भोला ने इन गहनों को 100% शुद्ध बताकर लोन मंजूर करा दिया। लेकिन जब राम कुमार ने समय पर लोन नहीं चुकाया, तो बैंक ने आभूषणों को नीलामी की प्रक्रिया में डालने के लिए दोबारा मूल्यांकन कराया।

भोला पर 8 मामले दर्ज

इस बार जांच करने वाले सुनारों ने चौंकाने वाली सच्चाई उजागर की। गिरवी रखे गए आभूषण नकली थे। बैंक को बड़ा झटका लगा और मामला कोर्ट से तुरंत पुलिस को सौंपा गया। कांटी थाना क्षेत्र के जय प्रकाश नगर रोड न.2 निवासी भोला प्रसाद सिर्फ एक सुनार नहीं था, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा था। सालों से वह बैंकों में सोने की शुद्धता जांचने वाले व्यक्ति के रूप में काम कर रहा था। इस दौरान उसने कई बार गहनों की फर्जी मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर बैंकों से लोन दिलवाया। फिर लोन लेने वाले लोग रकम लेकर फरार हो जाते थे। जब बैंक उनकी गिरवी रखी ज्वेलरी को बेचने जाते, तो वह नकली निकल जाती। नगर पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी के बाद भोला प्रसाद को अहियापुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया। भोला कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका था। नगर एसडीपीओ सीमा देवी ने बताया कि भोला के खिलाफ नगर थाना में 18 और मुशहरी में 8 मामले दर्ज हैं। ये भी पढ़ें- बिहार के बेतिया से बड़ी खबर, फिल्मी अंदाज में लूट, सब्जियों को भी न बख्शा


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