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Assembly Election Result Impact: बिहार को कैसे प्रभावित करेंगे 4 राज्यों के चुनाव परिणाम‌?

Election 2023 Result Impact: आज जारी हुए 4 राज्यों के चुनाव परिणाम काफी चौंकाने वाले रहे हैं और यह चुनाव आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति पर भी बड़ा प्रभाव डालेंगे, जानिए कैसे?

Election 2023 Result Impact
अमिताभ ओझा, पटना Assembly Election 2023 Result Impact On Bihar: 4 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना के चुनाव परिणाम काफी चौंकाने वाले रहे हैं और यह चुनाव आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति पर भी बड़ा प्रभाव डालेंगे। 3 राज्यों में बहुमत वाली जीत ने जहां भाजपा में एक जान फूंक दी है, वहीं विपक्ष कांग्रेस काफी चिंता में है। चारों राज्यों के चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से जातीय सर्वे की रिपोर्ट बिहार सरकार ने जारी की और देश में एक माहौल बना, उससे कहीं न कहीं भाजपा बैकफुट पर नजर आने लगी थी, लेकिन 3 राज्यों में जीत ने भाजपा को फ्रंटफुट पर ला दिया है। इसके अलावा भी इन चुनाव परिणामों के कई मायने हैं, जिसका आने वाले दिनों में प्रभाव बिहार पर पड़ेगा। यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh Assembly Election Result 2023: मध्‍य प्रदेश में किसका होगा राज, फैसला आज, जानें सभी 230 सीटों का हाल

JDU का एक तबका रिजल्ट से बहुत खुश

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव परिणाम के बाद बिहार में भी कहीं खुशी, कहीं गम वाला माहौल है। भाजपा खुश है, लेकिन अंदर ही अंदर कहीं न कहीं JDU का एक तबका भी बहुत खुश है, क्योंकि INDIA गठबंधन को बनाने में नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका रही, लेकिन जिस तरह से उन्हें अब तक एक तरह से कहें तो अलग-थलग रखा गया, उससे न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि उनके समर्थक भी नाराज थे। पटना में CPI की रैली में खुले मंच से नीतीश कुमार ने कहा भी था कि कांग्रेस INDIA गठबंधन की तेज चाल को सुस्त करने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान के कई मायने निकाले गए थे। आज जब चुनाव परिणाम आये तो कहीं न कहीं INDIA गठबंधन में शामिल नेताओं को नीतीश कुमार के इस बयान की याद जरूर आ रही होगी। यह भी पढ़ें: Telangana Assembly Election Result 2023: देखें 119 सीटों के नतीजे, किस सीट से कौन जीता कौन हारा?

जातीय गणना के शोर का असर नहीं दिखा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार चल रहे हैं, इसलिए आज चुनाव परिणामों पर उनकी प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन मतगणना की प्रक्रिया के बीच बिहार के वित्तमंत्री और नीतीश कुमार के खास विजय चौधरी का बयान आया है कि 4 राज्यों के चुनाव परिणाम से आने वाले दिनों के संकेत मिलेंगे। एक जो सबसे बड़ी चिंता सताधारी महागठबंधन के लिए है, वो है जातीय गणना जारी होने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाने का जो काम किया गया, उसका असर नहीं दिखना। ठीक चुनाव से पहले जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर जो माहौल बना था, उससे यही लगता था कि बिहार से शुरू हुआ जातीय गणना का यह शोर एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा। सिर्फ JDU और RJD ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व तक ने जातीय गणना का मामला उठा लिया था, लेकिन इन चुनाव परिणामों में जातीय गणना का कहीं कोई असर नहीं दिखा। यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Assembly Election Result 2023: देखिए 90 सीटों के नतीजे, छत्तीसगढ़ में किसे मिलेगी जीत, किसे हार

मोदी की तरफ साइलेंट वोटरों का झुकाव

बिहार में नीतीश कुमार की JDU को एक चिंता जरूर सताएगी और वह महिला वोटर्स, जिसे साइलेंट वोटर्स कहा जाता है, की है। जिन 3 राज्यों में भाजपा को जीत मिली है, उसके पीछे सबसे बड़ा हाथ इसी साइलेंट वोटर का है। बिहार में यह साइलेंट वोटर नीतीश कुमार के साथ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में पहले चरण में महिलाओ का वोटिंग प्रतिशत कम था। उसके बाद ऐसा लगा कि बिहार में महागठबंधन आगे है, लेकिन उसके बाद के चरणों में मतदान में महिलाओ का वोट बढ़ता गया और यह साइलेंट वोटर ही नीतीश कुमार की जीत का कारण बनीं, लेकिन अब बिहार में NDA में नीतीश कुमार नहीं हैं तो सवाल उठता है कि अब यह साइलेंट वोटर किसके साथ जाएगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति साइलेंट वोटरो का झुकाव JDU के लिए बड़ी चिंता का कारण बन सकता है। यह भी पढ़ें: Rajasthan Assembly Election Result 2023: देखें 199 सीटों के नतीजे, किस सीट से कौन जीता कौन हारा?

भाजपा की स्ट्रेटजी ने भी सभी को चौंकाया

ठीक इसी तरह यदि जातीय आंकड़ों को भी देखें तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में दलितों और आदिवासियों के साथ OBC का वोट भी भाजपा के खाते में गया। अगर यही ट्रेंड बिहार में आता है तो निश्चित मान लो कि लड़ाई बड़ी दिलचस्प होगी। राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार के अनुसार, भाजपा ने बड़ी स्ट्रेटजी के तहत चुनाव लड़ा, जिसका उसे फायदा भी मिला, लेकिन दूसरे दलों में इसका अभाव भी साफ दिखता है। डॉ संजय के अनुसार, जिस तरीके से परिणाम आये हैं। उसके बाद महागठबंधन को नये सिरे से रणनीति बनाने की जरूरत है, क्योंकि अब आम चुनाव में भी ज्यादा वक़्त नहीं बचा।


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