Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रंगमंच पर नामांकन पत्रों की जांच ने राजनीतिक दलों को हिलाकर रख दिया है. दरअसल, पहले चरण की 121 सीटों के लिए कुल 467 नामांकन रद्द हुए हैं, जबकि दूसरे चरण की स्क्रूटनी में भी दर्जनों प्रत्याशियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.
चुनाव आयोग के अनुसार नामांकन रद्द इसलिए किए गए की आवेदन करने वाली विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों में किसी का ने शपथ-पत्र अधुरा दाखिल किया था. किसी के पास पर्याप्त प्रस्तावक नहीं थे तो किसी की मतदाता सूची में दो जगह एंट्री थी. बता दें पहले चरण में नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर 2025 थी. 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है.
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महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बना नामांकन रद्द होना
राजनीतिक जानकारों की मानें तो नामांकन महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए चुनौती बन गया है, क्योंकि कई प्रमुख चेहरों के नाम खारिज होने से सीट-समझौते पर इसका असर पड़ सकता है. हाल ही में RJD प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हुआ है, वह मोहिनया विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी थीं और उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि उन्होंने मूल निवास और जाति प्रमाण-पत्र को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं दी थी.
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भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन तकनीकी आधार पर रद्द किया गया
पहले चरण में सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन को सबसे पहले धक्का लगा. यहां लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन तकनीकी आधार पर रद्द किया गया था. इसी तरह पूर्वी चंपारण की मधुबन सीट पर तीन निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवारों रणधीर कुमार (निर्दलीय), अभिषेक कुमार (भारतीय आम जनता विकास पार्टी) और लक्ष्मण साह (राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी) का नामांकन ये कहकर रद्द कर दिया गया कि उन्होंने दस्तावेज पूरे नहीं हैं.
किसी की मतदाता सूची में डबल एंट्री तो किसी ने प्रस्तावकों की नहीं भरी थी डिटेल
चुनाव आयोग ने महागठबंधन के सुगौली विधानसभा क्षेत्र से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द किया, आयोग का कहना था कि उन्होंने अपने प्रस्तावकों की डटेल नहीं दी. बता दें फिलहाल जहानाबाद में महागठबंधन के प्रत्याशी राहुल शर्मा की मतदाता सूची की जांच हो रही है. उन पर दो जगह मतदाता सूची में नाम होने का अरोप है.
चुनाव आयोग ने नियमों के अनुसार नामांकन किए रद्द
चुनाव आयोग के अनुसार नियमों के अनुसार ही कुछ नामांकन रद्द किए गए हैं. रद्द किए गए नामांकन में कमी होने के कारण ऐसा किया गया है, वहीं इससे पारदर्शिता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है. उधर, राजनीतिक हलकों में इससे हड़कंप मचा हुआ है. एनडीए ने इसे 'नियमों की जीत' कहा तो महागठबंधन ने इसे 'दबाव की राजनीति' करार दिया है.
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