2024 Lok Sabha Elections: पटना में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और लोजपा (रामविलास गुट) के चीफ चिराग पासवान की रविवार को मुलाकात हुई। मुलाकात के कुछ घंटों बाद लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए संभावित गठबंधन पर चर्चा करने के लिए पार्टी की बैठक बुलाई।
चिराग पासवान के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की जोरदार चर्चा के बीच बैक-टू-बैक बैठकें हो रही हैं। पटना में पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद एलजेपी प्रमुख ने कहा, "आज की बैठक आगामी 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एलजेपी के गठबंधन पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। पार्टी नेताओं ने मुझे गठबंधन पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया।"
चिराग बोले- चर्चा जारी, मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता में नहीं
दिल्ली रवाना होने से पहले चिराग पासवान ने कहा कि गठबंधन पर चर्चा अभी भी चल रही है। मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है। एनडीए में शामिल होने पर जमुई सांसद ने कहा कि चर्चा पाइपलाइन में है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसले से पहले कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
अटकलें तेज हैं कि चिराग पासवान को बीजेपी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। हाल ही में इंटेलिजेंस ब्यूरो की अपनी रिपोर्ट में उनकी जान को खतरा बताए जाने के बाद उन्हें Z श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।
मुलाकात के बाद बीजेपी नेता ने क्या कहा?
चिराग पासवान से मुलाकात के बाद गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ये हमारा पुराना घर है। जब हम मिलते हैं तो हमेशा अच्छा लगता है। राम विलास पासवान और बीजेपी ने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है। भाजपा नेता ने कहा, "दूसरी ओर विपक्ष की एकता प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के डर के कारण है। उनके पास न तो कोई नेता है और न ही कोई नीति है। उन्हें नीतियों, सेवा और नेतृत्व के बारे में पीएम मोदी से सीखना चाहिए।"
इससे पहले चिराग पासवान ने ऐलान किया था कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि यह सीट उनके पिता की विरासत है और वह इसके असली उत्तराधिकारी हैं। वहीं, राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस, जो उनके एलजेपी के दूसरे गुट का नेतृत्व करते हैं, ने कहा कि वह वहां से मौजूदा सांसद हैं और बड़े भाई ने उन्हें हाजीपुर सीट दी थी।
2020 विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए से अलग हुए थे चिराग
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चिराग एनडीए से अलग हो गए थे और अकेले चुनाव लड़े थे। हालांकि, उनकी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा और जेडीयू को हराने के लिए नीतीश कुमार के खिलाफ प्रचार किया।
चुनाव में हार के बाद उनकी ही पार्टी में फूट पड़ गई और हाजीपुर से सांसद उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली। दिग्गज दलित नेता राम विलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी, 2020 में उनकी मृत्यु के बाद विभाजित हो गई, जिसमें पशुपति पारस पांच सांसदों के साथ चले गए, जिससे चिराग पासवान अपने गुट से अकेले सांसद रह गए।