Bihar Elections: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को प्रेसवार्ता करते हुए 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों को ऐतिहासिक बताया और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में 7.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर के चुनाव कार्यकर्ताओं और सभी राजनीतिक दलों के लगभग 1.76 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों ने सुगम बनाया. उन्होंने बताया कि बिहार के 38 जिलाधिकारियों में से किसी को भी एसआईआर के संबंध में एक भी अपील प्राप्त नहीं हुई.
1951 के बाद सबसे अधिक मतदान
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार विधानसभा चुनावों को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि मतदाताओं ने दोनों चरणों में लगभग 66.9% मतदान के साथ 1951 के बाद से अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत हासिल किया है. आज मतदाताओं ने स्वतंत्र भारत में भी इतिहास रच दिया है. उन्होंने 1951 के बाद से हुए सभी चुनावों में सबसे अधिक लगभग 66.9%, मतदान किया. महिलाओं ने अब तक का सबसे अधिक 71% मतदान हुआ है. बिहार में हुए इन पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनावों ने पूरे भारत को एक सबक सिखाया है." उन्होंने कहा कि "चुनाव आयोग हमेशा अपने मतदाताओं के साथ खड़ा रहा है, उनके साथ खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा."
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9 एग्जिट पोल में NDA को बहुमत
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान समाप्त होते ही दूसरे चरण में शाम लगभग 7 बजे तक लगभग 68.52% मतदान दर्ज किया गया. जिसके अंतिम अनुमान अभी प्रकाशित होने बाकी हैं. चुनाव सर्वेक्षणकर्ताओं के अनुसार, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बिहार में फिर से सरकार बनाने की ओर अग्रसर है. मंगलवार को आए एग्जिट पोल के नतीजों से पता चला है कि विपक्षी महागठबंधन 243 विधानसभा में बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाएगा. एग्जिट पोल ने यह भी भविष्यवाणी की है कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी सीटों के मामले में कोई खास कमाल नहीं कर पाएगी. बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ था, जबकि दूसरे चरण का मतदान मंगलवार को संपन्न हुआ. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी.
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