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बिहार सरकार ने स्कूलों की सुरक्षा के लिए लिया बड़ा फैसला, नई गाइडलाइन जारी

बिहार सरकार ने स्कूलों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब सभी स्कूलों में नई सुरक्षा गाइडलाइन लागू होगी, जिससे बच्चों का सुरक्षित माहौल बनेगा। यह नियम स्कूल की इमारत से लेकर स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तक हर पहलू को कवर करता है।

बिहार सरकार स्कूलों की सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन लागू कर रही है
बिहार सरकार ने अपने सभी स्कूलों की सुरक्षा के लिए एक बहुत जरूरी फैसला लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी, निजी और अन्य स्कूलों में एक खास नियम, जिसे ‘विद्यालय सुरक्षा एवं संरक्षा मार्गदर्शिका-2021’ कहा जाता है, को लागू किया जाएगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को इस नियम का पूरा पालन कराने का आदेश दिया है। यह गाइडलाइन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से भी डाउनलोड की जा सकती है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार लिया गया है।

सुरक्षा के पांच मानक होंगे अब हर स्कूल में अनिवार्य

नई गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों में सुरक्षा के लिए पांच जरूरी बातें रखी गई हैं। सबसे पहले स्कूल की इमारत और उसके आसपास की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। जैसे कि स्कूल के चारों तरफ मजबूत दीवार होना, कक्षाओं में पंखे सही तरीके से लगाना और आपातकाल के लिए दरवाजे होना जरूरी है। दूसरी बात, बच्चों की सामाजिक और भावनात्मक सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा। यानी बच्चों को ऐसा माहौल दिया जाएगा जहां वे खुद को सुरक्षित महसूस करें। उनके व्यवहार पर नजर रखी जाएगी और उन्हें ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ जैसी जरूरी बातें भी सिखाई जाएंगी।

स्वास्थ्य जांच और साइबर सुरक्षा भी होगी पक्की

तीसरे नियम के मुताबिक, स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। हर स्कूल में चिकित्सा किट का सामान होना चाहिए। बच्चों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी जरूरी होगी। उनके लिए एक हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा, जिसमें उनकी सेहत से जुड़ी सारी जानकारी लिखी जाएगी। चौथा नियम साइबर सुरक्षा से जुड़ा है। आजकल डिजिटल दुनिया में बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट की अच्छी तरह निगरानी की जाएगी। इससे बच्चे सुरक्षित रहेंगे और गलत चीजों से दूर रह सकेंगे।

स्कूलों में समय-समय पर मॉक ड्रिल होगी

5वां नियम आपदा (आपातकाल) से जुड़ा है। किसी भी खतरे या आपात स्थिति से बचने के लिए हर स्कूल में एक योजना बनाई जाएगी। स्कूलों में समय-समय पर मॉक ड्रिल यानी नकली अभ्यास करवाए जाएंगे, ताकि बच्चे और शिक्षक सही तरीके से काम कर सकें। स्कूलों को इस बात के लिए भी तैयार किया जाएगा और बच्चों को जागरूक किया जाएगा कि वे आपात स्थिति में क्या करें। राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने कहा है कि यह नियम सभी स्कूलों में अच्छे से लागू होना चाहिए।


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