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Bihar: इस जिले के स्कूल के बच्चों में मिली खून की कमी, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया बड़ा अभियान

Anaemia Free India Campaign In Kishanganj: बिहार के किशनगंज जिले के कोचाधामन ब्लॉक में एनीमिया मुक्त भारत अभियान शुरू किया गया है।

Anaemia Free India Campaign
Anaemia Free India Campaign In Kishanganj: बिहार के किशनगंज जिले के कोचाधामन ब्लॉक में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य जांच में हैरान करने वाले फैक्ट्स सामने आए हैं। भेबड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर द्वारा अपग्रेडेड मिडिल स्कूल में की गई जांच में 7 स्कूली बच्चों में मीडियम लेवल की खून की कमी पाई गई। इस खुलासे ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया है। अब बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए स्पेशल कैंपेन अभियान शुरू किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार के अनुसार, एनीमिया देश में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, जो खासतौर पर बच्चों और किशोरों को असर करती है। शरीर में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन का लेवल घटता है, जिससे बच्चों में थकान, चिड़चिड़ापन और इम्यूनिटी में कमी जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। यह न केवल उनकी पढ़ाई पर असर डालता है, बल्कि उनके ओवरऑल हेल्थ और मेंटल ग्रोथ में भी बाधा पहुंचाता है।

डीएम ने की अभियान की सराहना

जिलाधिकारी विशाल राज ने इस अभियान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर मेल होने से एनीमिया जैसी गंभीर समस्या का समाधान मुमकिन है। डीएम ने स्कूली बच्चों के खानपान में सुधार और रूटीन हेल्थ चेकअप पर जोर दिया।

डाइट और दवाइयों से होगा समाधान

बच्चों और अभिभावकों को आयरन से भरपूर खाने की चीजें जैसे पालक, सभी प्रकार की दाल, गुड़ और फलों को खाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को रेगुलर रूप से आयरन फोलिक एसिड की गोलियां दी जाएंगी, जिससे खून की कमी को दूर किया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की सराहनीय पहल

भेबड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ऐश्वर्या के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम एक्टिव है। स्कूलों में जांच अभियान के साथ-साथ पेरेंट्स को जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

पेरेंट्स की भूमिका होगी अहम

स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि एनीमिया जैसी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पेरेंट्स का जागरूक होना बेहद जरूरी है। बच्चों को न्यूट्रिशियस फूड देने और उनके स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देने से इस समस्या पर कंट्रोल पाया जा सकता है। ये भी पढ़ें- बिहार के इस जिले को ‘उड़ान योजना’ से जोड़ने का प्लान, नीतीश सरकार केंद्र को भेजेगी प्रपोजल


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