Bihar Politics: बिहार का सियासी पारा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा में विश्वासमत के बाद मंगलवार को यहां जदयू के तीन विधायक ही आपस में भिड़ गए। दिनभर यहां हाई लेवल ड्रामा चला। विधायकों का यह मामला थाने तक पहुंच गया। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप हुआ। दरअसल, जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने ने पार्टी के दो विधायकों (बीमा भारती और एक अन्य)के अपहरण की शिकायत पुलिस को दी। शिकायत में पार्टी के ही एक अन्य विधायक डॉ संजीव पर अपहरण का आरोप लगाया गया।
जदयू विधायक के पति और बेटा हुए गिरफ्तार
लेकिन मसला उस समय पेजीदा हो गया जब कथित अपहृत विधायकों में से एक विधायक बीमा भारती विधानसभा पहुंच गई थी। लेकिन बीमा भारती के बयान से राजनीति और गरमा गई। बीमा ने अपनी ही पार्टी (जदयू) के नेताओं के पर उनके बेटे और पति को गिरफ्तार करने के खिलाफ नाराजगी जताई। यहां बता दें कि बीते रविवार को बीमा भारती के पति अवधेश मंडल और उनके बेटे राजकुमार राजा समेत कुल 9 लोगों को अवैध राइफल इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बता दें बीमा रुपौली विधानसभा से जदयू पार्टी से विधायक हैं।
विधायक सुधांशु शेखर और संजीव हुए आमने-सामने
विधानसभा परिसर में नजारा उस समय किसी फिल्मी सीन के फाइट सीन में बदल गया जब थाने में शिकायत करने वाले विधायक और आरोपी विधायक आमने सामने आ गए। शिकायत करने वाले विधायक सुधांशु शेखर विधायक बीमा भारती और दिलीप राय के अपहरण की आशंका जताते हुए पार्टी के ही विधायक डॉ संजीव और आरजेडी नेता सुनील पर शक जताया गया था। इसके अलावा उन्होंने अपनी शिकायत में विधायकों को जदूय से अलग होने के लिए पैसों का ऑफर दिए जाने के आरोप लगाए।
विधानसभा के बाहर बीमा भारती ने दिया बयान
बीमा भारती अपने बेटे और पति की गिरफ़्तारी पर काफी नाराज थीं। विधानसभा के बाहर उन्होंने मीडिया के सवालों पर जवाब दिया कि अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपने विधायकों पर ही विश्वास नहीं रहा है। क्या कोई मुझे बताएगा कि क्या मेरा बेटा आतंकवादी है? पुलिस ने मेरे जिन कार्यकर्ताओं को पकड़ा है उनका क्या कसूर है। पुलिस पर किसका दबाव है। विधायक बीमा भारती ने कहा की उनके परिवार को फंसाया गया है। उनका कहना था कि उनके परिजनों को फंसाने में जदयू के नेताओं का हाथ है।
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