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Land For Job Scam: लालू प्रसाद यादव ED के पटना ऑफिस में पहुंचे, बाहर हजारों समर्थक जुटे

Bihar Land For Job Scam Enquiry Update: बिहार के लैंड फॉर जॉब स्कैम केस की जांच करने के लिए आई ED टीम लालू प्रसाद यादव से पूछताछ कर रही है। जानिए केस में अब तक क्या हुआ और आगे क्या होगा?

पटना में ED ऑफिस पहुंचे लालू प्रसाद यादव, जहां उनसे पूछताछ की जानी है।
Land For Job Scam ED Enquiry Update (दीपक दुबे, दिल्ली): बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यावद से आज ED पूछताछ कर रही है। वे आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पटना स्थित ऑफिस पहुंचे, जहां दिल्ली से आई ED के साउथ जोन की टीम उनसे पूछताछ करेगी। ED की टीम लैंड फॉर जॉब स्कैम की जांच कर रही है। इसी केस में लालू प्रसाद यादव से सवाल पूछे जाएंगे। वहीं मीसा भारती को भी ED ऑफिस के अंदर जाने की अनुमति दी गई, क्योंकि लालू यादव थोड़े बीमार हैं।  

ED की चार्जशीट में लालू-तेजस्वी का नाम नहीं

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव पर कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दिलाने के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप हैं, लेकिन अभी तक तक केस में इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। केस में पहले दर्ज हो चुकी चार्जशीट में भी दोनों का नाम नहीं है, बल्कि सिर्फ पूछताछ के लिए लालू को समन भेजकर 29 जनवरी को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा गया। वहीं तेजस्वी यादव को कल 30 जनवरी को बुलाया गया है।  

पहली चार्जशीट में राबड़ी समेत 7 लोग आरोपी

बता दें कि केस में एक चार्जशीट दायर हो चुकी है, जिसमें लालू प्रसाद यावद की बेटी हेमा देवी, दूसरी बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 2 दिन पहले दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू की पत्नी राबड़ी और दोनों बेटियो को 9 फरवरी को तलब किया है। उन सभी आरोपियों को कोर्ट में फिजिलकल पेश होने के आदेश दिए गए हैं, जिनके नाम चार्जशीट में शामिल हैं।

लालू-राबड़ी और तेजस्वी चल रहे जमानत पर

गौरतलब है की लैंड फॉर जॉब मामले की जांच CBI और ED दोनों कर रही हैं। CBI केस में 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अक्टूबर 2023 में CBI मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। वहीं ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पिछले दिनों पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कारोबारी अमित कात्याल, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी का नाम है। ईडी ने 2 कंपनियों को भी आरोपी बनाया है।

CBI की जांच में यह सच सामने आए

CBI की जांच में पता चला कि पटना में 3 सेल डीड राबड़ी देवी के नाम हैं। इनमें से 2 डीड फरवरी 2008 की हैं, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट का जिक्र है। तीसरी सेल डीड 2015 की है, जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है। राबड़ी देवी के अलावा लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती के नाम भी 2007 की एक सेल डीड है। इसमें उन्हें 80,905 वर्ग फीट का प्लॉट दिया गया। पटना में लालू यादव की बेटी हेमा यादव के नाम भी 2 गिफ्ट डीड होने की जानकारी मिली है।

रेल मंत्री रहते हुए दी गई थी नौकरियां

हेमा यादव की एक गिफ्ट डीड 3375 वर्ग फीट के प्लॉट की है। दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया। CBI जांच में यह भी सामने आया कि एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम है, जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लॉट है। अब इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी हैं। UPA-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप-डी कैटेगरी के तहत गुपचुप तरीके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं।

2004 से 2009 के बीच का मामला

लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद चुकाई गई। मामला 2004 से 2009 के बीच का है। जिन्हें नौकरी दी गई, उन लोगों को पहले सब्स्टिट्यूट पर रखा गया और बाद में इन्हें रेगुलर कर दिया गया। आरोप है कि इन लोगों को 2008-09 के बीच मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर में नौकरी दी गई। इन लोगों को नौकरी देने के लिए सारे नियम ताक पर रख दिए गए। इसके लिए न तो रेलवे की ओर से कोई विज्ञापन निकाला गया और न ही सही प्रक्रिया का पालन किया गया।


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