Bihar ka Kashmir Valmiki Tiger Reserve open for all tourists: वाल्मीकिनगर, दिलीप कुमार दुबे। बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। मॉनसून सत्र में चार माह से पर्यटन सेवाएं पूरी तरह से बंद होने के बाद पटना और गोरखपुर से पर्यटकों का जत्था वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंचा। वन विभाग के अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर शुक्रवार सुबह को जंगल सफारी सेवा का आगाज किया।
मॉनसून सत्र के कारण विगत चार माह से बंद पर्यटन सेवाओं का शुभारंभ डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर और वन संरक्षक ने हरी झंडी दिखाकर किया। इस दौरान गुरुवार को हीं पटना से पर्यटकों का जत्था वाल्मीकीनगर पहुंचा था। जिसके बाद मॉर्निंग शिफ्ट में सभी पर्यटकों ने जंगल सफारी का लुफ्त उठाया और नर देवी, जटाशंकर मंदिर व कौलेश्वर स्थान समेत वाल्मीकि आश्रम जैसे धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया।
जून से पर्यटकों के लिए वीटीआर की पर्यटन सेवाएं थी बंद
बता दें की अब बाघों की संख्या बढ़ने के बाद वन विभाग काफी उत्साहित है और पर्यटकों के स्वागत को लेकर कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। लंबे इंतजार के बाद वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में एक बार फिर बिहार, यूपी और नेपाल के पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है। इस दौरान पर्यटक जंगल सफारी, बोट सफारी, पाथ वे सहित कौलेश्वर झूला और इको पार्क का लुत्फ उठा रहे हैं। दरअसल मॉनसून सत्र की वजह से 26 जून से पर्यटकों के लिए वीटीआर की पर्यटन सेवाओं को बंद कर दिया गया था। जिसे 20 अक्टूबर से बहाल कर दिया गया है। पटना से सपरिवार वीटीआर भ्रमण करने पहुंचे पर्यटक अमित कुमार ने बताया की वे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहली बार पहुंचे हैं और यहां के मनोरम दृश्यों को देख काफी रोमांचित हो गए। उन्होंने लोगों से गुजारिश की की धरती के स्वर्ग का दीदार करने जरूर पहुंचे।
बाघों की संख्या 32 से बढ़कर 54 हुई
जल, जंगल और पहाड़ का दीदार कर गोरखपुर से आए पर्यटक शिशिर श्रीवास्तव ने बताया की वे अपने परिवार के साथ वीटीआर का भ्रमण करने पहुंचे हैं। प्रकृति की गोद मे बसे इस रमणिक पर्यटन स्थल के भ्रमण के लिए ऑनलाइन बुकिंग करा कर वे यहां घूमने पहुंचे हैं। यह एडवेंचर से परिपूर्ण डेस्टिनेशन है। लिहाजा यहां ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे और एंजॉय करें। बता दें की पिछले सेंसस में यहां बाघों की संख्या 32 से बढ़कर 54 हुई है। साथ हीं अन्य पशु पक्षियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यहां आने वाले पर्यटक 300 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों का दीदार कर सकते हैं। आपको बता दें कि वाल्मीकि टाइगर प्रोजेक्ट ऐसी जगह पर स्थित है जिसके एक तरफ पड़ोसी देश नेपाल, पहाड़ियां, प्राकृतिक सौंदर्य, त्रिवेणी संगम का मनमोहक दृश्य, नदी के किनारे पाथ वॉक, खाने-पीने की उत्तम व्यवस्था लोगों का मन मोह लेती हैं।