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बिहार में शिक्षा की दुर्गति पर जमकर बरसे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, बोले- लोगों को राजनीति के कारण जातियों में बांटा जा रहा

Bihar Governor Rajendra Vishwanath Arlekar on Education in Bihar: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज एक कार्यक्रम में बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर बयान दिया है।

बिहार, (अमिताभ ओझा /नीरज त्रिपाठी ): बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज एक कार्यक्रम में बिहार की शिक्षा व्यवस्था से लेकर समाज को जातियों में बाटने की राजनीतिक साजिश पर कड़ा प्रहार किया. राज्यपाल ने कहा की जिस बिहार में दुनिया भर से लोग पढ़ाई करने आते थे उस बिहार से युवा पढ़ाई करने बाहर जा रहे है। आज हम एक समाज के रूप में खड़ा होना चाहते है लेकिन राजनीतिक कई जाति वाली दलों में बांट देती है। हमें विभक्त कर देती है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शनिवार को बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री स्व॰ डॉ॰ श्रीकृष्ण सिंह के 136वें जन्मदिवस के अवसर पर बिहार इंटेलेक्चुअल फोरम एवं मेडिवर्सल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, पटना के सभागार में आयोजित ‘बिहार केसरी सम्मान समारोह’ में भाग ले रहे थे। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सहिष्णुता हमारी संस्कृति का आधार रही है। मतभेद होने के बावजूद भी हममें मन का भेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में भी संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर सहिष्णुता को स्थापित करना चाहिए। एकजुट होकर ही हम विकास की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।

श्रीकृष्ण सिंह की पदचिन्हों पर चलने की जरूरत

राज्यपाल ने डॉ॰ श्रीकृष्ण सिंह को बिहार का भाग्य विधाता बताते हुए कहा कि आज उनके पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उनका जीवन पूरी तरह पारदर्शी था। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को गरीब और पिछड़ा होने जैसी हीन भावना से मुक्त होकर आगे बढ़ने की जरूरत है। यहां के लोग काफी क्षमतावान है तथा यहां की संस्कृति, इतिहास और परम्पराएं उन्हें आगे बढ़ने के लिए मजबूत आधार प्रदान करती हैं। यह भी पढ़ेंः लिबास की तरह पार्टी बदलते है बिहार सीएम नीतीश कुमार: चिराग पासवान

बिहार के शिक्षा व्यवस्था पर क्या बोले राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि हम अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाकर अपने पुराने गौरव को वापस ला सकते हैं। हमें प्रयास करना है कि बिहार के बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाएं, बल्कि बाहर के बच्चे पढ़ने के लिए इस राज्य में आएं। यह हमारे सामूहिक प्रयत्न से संभव है। प्रधानमंत्री टी॰बी॰ मुक्त भारत अभियान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार को वर्ष 2024 के अंत तक टी॰बी॰ से मुक्त करना है। इसके लिए उन्होंने नि-क्षय मित्र बनकर टी॰बी॰ के मरीजों को सहयोग करने को कहा। इस अवसर पर राज्यपाल ने टी॰बी॰ रोगियों को पोषण किट भी प्रदान किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त महानुभावों को ‘बिहार केसरी’ सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम को डॉ निशिकांत एवं डॉ निम्मी रानी ने भी संबोधित किया।


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