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बिहार में महिलाओं की जगह पुरुषों के बैंक खातों में पहुंचे 10000 रुपये, खरीदीं बत्तख-बकरियां; अब वापस मांग रही सरकार

Bihar Government Scheme News: बिहार में चुनावी वादा करते हुए महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए स्कीम की घोषणा की गई थी, लेकिन स्कीम के तहत मिलने वाले पैसों को लेकर खेला हो गया. क्योंकि पैसे महिलाओं के खाते में पहुंचने की बजाय पुरुषों के खातों में पहुंच गए. पढ़ें दरभंगा से नफीस करीम की रिपोर्ट...

बिहार की सरकार ने चुनावी वादे के तौर पर स्कीम की घोषणा की थी.

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को 10000 रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान हुआ है. चुनाव होने और सरकार बनने के बाद जब स्कीम के तहत पैसे देने की बात आई तो दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले अहियारी गांव में अजीबोगरीब कारनामा हो गया. योजना का लाभ महिलाओं को मिलना था, लेकिन स्कीम के तहत मिलने वाली राशि गांव के कुछ पुरुषों के बैंक खातों में चली गई.

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पुरुषों ने खर्च किए सरकार के पैसे

मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो उन्होंने खोजबीन की और स्कीम के 3 लाभार्थियों के बारे में पता चला. साथ ही खुलासा हुआ कि जिन पुरुषों के खातों में 10000 रुपये की राशि आई, उन्होंने उसे खर्च भी कर दिया. छठ और दीपावली पर शॉपिंग कर ली तो कुछ पैसों से रोजगार के लिए बत्तख और बकरियां खरीद लीं. अब संबंधित विभाग द्वारा खाताधारकों को पत्र जारी करके उक्त पैसे वापस करने का आदेश दिया गया है. पत्र प्रखंड परियोजना प्रबंधक) की ओर से जारी किया गया है.

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तीनों लाभार्थी विकलांग और गरीब

अधिकारियों ने बताया कि अहियारी गांव के जिन पुरुषों के खाते में पैसे आए हैं, वे विकलांग और बेहद गरीब हैं. इनके नाम नागेंद्र राम, बलराम सहनी और राम सागर कुमार हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई और लोगों को भी इसी तरह के पत्र मिले हैं. वहीं सरकार की ओर से मिली राशि खर्च कर चुके पुरुष खाताधारकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वे पैसे लौटा सकें. वे सरकार से राशि माफ करने की गुहार लगाते हैं और लाभार्थी महिलाओं से माफी मांगते हैं.

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बयान देने से बचते दिखे अधिकारी

वहीं पूरे मामले पर अधिकारियों ने कैमरे के सामने कोई भी बयान देने से इनकार किया है. हालांकि बंद कमरे में अधिकारियों ने भुगतान में गड़बड़ी होने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि गलत तरीके से गई राशि की रिकवरी के लिए कुछ लोगों को पत्र भेजे गए हैं, लेकिन यह मामला सरकारी योजनाओं और भुगतान प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है. वहीं ग्रामीणों में भी इसे लेकर असमंजस और नाराजगी देखी जा रही है, क्योंकि उन्हें अपने साथ भी गलत होने का डर सता रहा है.


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