(अमिताभ ओझा)
बिहार में कानून-व्यवस्था को अपराधी हर दिन चुनौती दे रहे हैं. खुलेआम हथियार लहराये जा रहे हैं, लेकिन बिहार पुलिस का दावा है कि गंभीर अपराधों की संख्या में कमी आई है. दरअसल बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी ने बीते एक वर्ष में हुई पुलिस की कार्रवाई और उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया.
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इस दौरान अपर मुख्य सचिव गृह अरविंद चौधरी और डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि सख्त पुलिसिंग, तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल और निरंतर अभियानों का असर अब साफ दिख रहा है.
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गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में गंभीर अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. हत्या के मामलों में 7.72 प्रतिशत, डकैती में 24.87 प्रतिशत और दंगों की घटनाओं में 17.97 प्रतिशत की कमी आई है. अधिकारियों के अनुसार यह गिरावट अपराध नियंत्रण के लिए अपनाई गई रणनीतियों और सक्रिय पुलिसिंग का परिणाम है.
3.35 लाख अभियुक्त गिरफ्तार
संगीन अपराधों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियानों के तहत डकैती, लूट, दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामलों में कुल 3.35 लाख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही अपराध से अर्जित संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा गया है.
अपराधियों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई
पुलिस ने अब तक 70 अपराधियों की संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू की है, जबकि 1,419 अपराधियों को इस कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है. इनमें से 405 मामलों को कोर्ट में भेजा जा चुका है. अधिकारियों का कहना है कि इससे संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क की आर्थिक कमर तोड़ने में मदद मिलेगी.
नए कानून के तहत निरोधात्मक कदम
नए कानून बीएनएसएस के तहत भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई. इस वर्ष 12.50 लाख लोगों पर धारा 126 के अंतर्गत निरोधात्मक कार्रवाई हुई, जिससे अपराध की संभावनाओं को समय रहते रोका जा सका.
शराब माफिया और नक्सलियों पर शिकंजा
शराबबंदी को सख्ती से लागू करते हुए पुलिस ने 16.79 लाख लीटर देसी और 16.51 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की. वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्रवाई के दौरान 220 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि एक मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया.
साइबर अपराध पर भी फोकस
बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए पुलिस ने 103 साइबर मामलों की गहन जांच की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की.
गृह विभाग का कहना है कि आने वाले समय में भी अपराध नियंत्रण, माफिया नेटवर्क के खात्मे और जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.